चित्रकूट बस्तर में स्थित एक बहुत ही सुन्दर जलप्रपात है जो इंद्रावती नदी पर स्थित है, बरसात में झरने का पानी लाल रंग और गर्मी में यह पानी चांदनी रात में सफ़ेद रंग का दिखाई देता है
यह झरना इंद्रावती नदी पर स्थित है और 100 फ़ीट निचे गिरता है, यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा जलभराव वाला जलप्रपात है, इस जलप्रपात को भारत का निआग्रा फॉल भी कहा जाता है.
कांगेर घाटी में सुन्दर ऊँचे पहाड़ ,घूबसूरत गहरी घाटिया, विशालकाय पेड़ और मौसमी जंगली फूल देखने को मिलते है, विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों के लिए यह बहुत ही अनुकूल जगह है ।
यहाँ के जंगल में प्रवासी और निवासी दोनों तरह के पक्षियों का बसेरा है। घाटी में आपको गुफाये भी देखने को मिलेंगी जो की अपने आश्चर्यजनक भूगर्भीय आकार के लिए प्रसिद्ध है ।
यह झरना बहुत ही सुन्दर है, इस जलप्रपात का पानी चंद्राकार रूप से बनी पहाड़ी से 300 फ़ीट निचे सीढ़ी जैसी बनी प्राकृतिक सरंचनाओं पर गिरता है, जो देखने में बहुत ही मनमोहक है.
कैलाश यहाँ की सबसे पुरानी गुफा है, इस गुफा में चुना पत्थर के गठन है जो बहुत ही सुन्दर दिखते है। चुना पत्थर के कारण यहाँ कैलाश की भी आकृति दिखती है जिसे लोग पूजते भी है।
कुटुम्ब्सर गुफा को पहले गोपांसर गुफा (गोपन = छुपा) नाम दिया गया था, लेकिन यह कोटसर नाम से ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि गुफा कोटसर गाँव के पास स्थित है।
यह झरना इंद्रावती नदी पर स्थित है, इस झरने के आसपास का माहौल बहुत ही शांतिप्रिय है, आपको यहाँ पर मोर भी देखने को मिल सकते है मोर की मौजूदगी के कारण इसे मयूर घूमर भी कहा जाता है।