छत्तीसगढ़- देश मे नेताओ का पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामने का सिलसिला कुछ दिनों से नही थम रहा है। उसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए है। इसी राजनीतिक उठा पटक के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस नेता एक दूसरे पर शब्दों के बाण छोड़ तंज कस रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम एक बयान के बाद छत्तीसगढ़ राज्य का राजनीतिक सियासी पारा हाई हो गया है , जिसमें उन्होंने अपने बयान में भाजपा नेताओं के कांग्रेस के संपर्क में होने की बात कही थी।अब उनके इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पलटवार किया है।
डूबती नांव में कौन जाना चाहेगा- पूर्व मुख्यमंत्री
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी पलटवार किया है उन्होंने कहा कि कांग्रेस की डूबती हुई नांव में अब कौन जाना चाहेगा। माधवराव सिंधिया से जितिन प्रसाद तक जो भी लोग जा रहे हैं। पार्टी उन्हें सम्हाल नहीं पा रही है। अभी तो ओर भी लोग हैं , कांग्रेस की पूरे देश में जो स्थिति बनी हुई है , उससे उभरने में अब काफी टाइम लगेगा।
भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान के बाद सियासी पारा हुआ था गर्म तब मरकाम ने दिया था बयान…
दरअसल उ.प्र. के कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने पर छत्तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि राज्य के कांग्रेसी भी हमारे सम्पर्क में हैं। इसी पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शुक्रवार की सुबह ये बड़ा बयान दिया था। मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के नेता कांग्रेस के सम्पर्क में हैं। और वक्त आने पर नामों का खुलासा होगा। उन्होंने कहा कि आज बीजेपी के नेता अपने पार्टी से ऊब चुके हैं। भूपेश सरकार की नीतियों और योजनाएंसे प्रभावित हुए हैं। जिस कारण बीजेपी नेता कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
ढाई – ढाई साल के मुख्यमंत्री को लेकर मचा है घमासान…
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य की कांग्रेस सरकार के ढाई-ढाई साल को लेकर ही यह सियासी घमासान चल रहा है।17 जून 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के ढाई साल पूरे होने वाले हैं। वहीं यूपी में दो दिन पहले ही जितिन प्रसाद कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए है। अब भाजपा उन्हें बड़ा तोहफा दे सकती है। शायद जितिन प्रसाद को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है। इसके बाद उन्हें विधानपरिषद के माध्यम से सदन में भेजा जा सकता है।