छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री भुपेश बघेल अपनी व्यवस्ता के चलते आज दिल्ली से सीधे बिलासपुर राहुल से मिलने अस्पताल पहुँचे , वही राहुल की माँ CM को देख दंडवत लेट गयी । CM ने राहुल की माँ को उठाते हुए उठ मोर बेटी कहा तो हर कोई भावुक हो गया । फिर CM राहुल से बात करने लगे गीता ने राहुल से बाबू (पिता) बुलवाया फिर जब CM ने कहा पढबे बेटा तो राहुल ने हां कहा । आपको बता दे मुख्यमंत्री ने कहा है कि वो राहुल को पढवाएँगे जिसका पूरा खर्च शासन उठाएगी।
आपको बता दे मूक बधिर होने के कारण राहुल घर मे ही रहता था घर वाले उसे स्कूल नही भेजा करते थे ।
आगे सुनिए राहुल की माँ गिता ने क्या कहा
राहुल को जिसने बचाया वे सब भगवान है जिन्होंने दिन-रात , भूखे-प्यासे , बिना सोये रेस्कयू में में लगे रहे । यह सब अस्पताल के आईसीयू में राहुल की माँ गीता साहू ने कहा । गीता बार-बार बेटे का माथा चूम रही है..मेरा लाल..मेरा लाल कहकर राहुल के सर में हाथ फेर रही है , दुलार रही है । अपने बच्चे के एक -एक जख्मों को देख रही है मानो आज ही वो सारे जख्मों को भर देना चाहती हो । राहुल सुन नहीं सकता , पर माँ के हाथों में तो वो जादू है । जिसे हर कोई महसूस करता है । इसके लिए सुनने और देखने की जरूरत ही कहाँ है । राहुल बोल भी नहीं सकता , एकटक अपनी माँ को ही देख रहा , माँ उसे निहार रही है फिर शब्दों की किसे जरूरत है । राहुल और उसकी माँ का प्यार देखकर तो लगा जैसे दोनों को पूरी दुनिया मिल गयी हो ।
अस्पताल में राहुल की माँ गीता साहू से जो भी मिलने आ रहा है वो दोनों हाथों को कृतज्ञता से जोड़ लेती है । राहुल की माँ गीता ने पांच दिन से कुछ नहीं खाया है और ना ही सोयी हैं । गीता कहती हैं कि भगवान कैसे होते हैं , मैने इस बीते पांच दिनों में देखा है । मेरा तो बेटा है राहुल पर बाकी लोग उसे बचाने के लिये दिन-रात ,भूखे-प्यासे , बिना सोये लगे रहे । ये सब मेरे लिये साक्षात भगवान हैं। मैं तो सिर्फ पैदा की हूं राहुल को लेकिन सब ने मिलकर उसे नया जन्म दिया है । देश भर से करोड़ों लोगों की दुआओं ने असर किया है और आज मेरा बेटा मेरे सामने है । हमारे मुख्यमंत्री को हम सब परिवार के लोग करोड़ों बार प्रणाम करते हैं । वे दिन-रात राहुल की खबर लेते रहे ।
यहां अधिकारियों के पास और हमारे पास भी मुख्यमंत्री जी लगातार फोन करते रहे । गीता आगे कहतीं हैं कि सरकार , प्रशासन और बेटे को निकालने में लगी टीम को टीम को जीवन भर दुआएं दूंगी ।
भगवान सभी के बच्चों को लंबी उम्र दे। दरअसल गीता ने ही सबसे पहले खोजते हुए राहुल को बोरवेल में पाया था । उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राहुल घर के बाहर खेल रहा था । जब बहुत देर तक नहीं आया तो चिंता हुई । मैं खोजने निकली तो बोरवेल के पास से राहुल के रोने की आवाज आयी । मैं करीब गयी और कान लगाकर सुना तो राहुल ही रो रहा था । इसके बाद हमने प्रशासन को सूचना दी तो बिना देर किये सभी लोग आ गये और बचाव कार्य शुरू कर दिए। गौरतलब है कि जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घँटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार की रात सकुशल निकाला गया था । इसके बाद राहुल को बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है । जहाँ उसका इलाज चल रहा है, डॉक्टरों के मुताबिक राहुल को कोई बड़ी समस्या नहीं है । बोरवेल में गिरने से जो घाव हुए हैं वो जल्द ही भर जाएंगे ।
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