महासमुंद- प्रदेश के महासमुंद जिला स्थित सरायपाली नगर पालिका में सत्ता के उलट-फेर की राजनीति शुरू हो गई है। सोमवार को महासमुंद में सरायपाली नगर पालिका के 10 पार्षदों ने पालिका अध्यक्ष अमृत पटेल के खिलाफ जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन सौंपा है।
आवेदन बीजेपी पार्षदों ने दिया है। इस आवेदन में बताया गया है कि अमृतलाल पटेल अध्यक्ष नगर पालिका परिषद सरायपाली अपने दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से नहीं कर रहे हैं।
नगर के आम नागरिकों को मिलने वाली मूलभूत आवश्यक सुविधाएं, बिजली, पानी, सफाई की व्यवस्था इनके कार्यकाल की अवधि में चरमरा गई है। इनके द्वारा परिषद की बैठक समय सीमा पर आहूत नहीं कराने से विकास कार्यों की दर स्वीकृति, पेंशन योजनाएं, जाति प्रमाण पत्र, सत्यापन, नामांतरण कार्य, में बाधा उत्पन्न हो रही है।
एवं अध्यक्ष के द्वारा निकाय के निर्वाचित पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। आपको सभी को बता दें कि सरायपाली नगर पालिका में 15 पार्षदों वाली शहर सरकार में 9 बीजेपी, 3 कांग्रेस, 3 निर्दलीय पार्षद निर्वाचित हुए थे। बहुमत नहीं होने के बाद भी कांग्रेस ने 8 मत से अपना अध्यक्ष बनाया था। जिससे नाराज होकर पार्टी ने बीजेपी के 2 पार्षदों को पार्टी से निष्काषित भी कर दिया था। लेकिन ढाई साल बाद शहर सरकार की राजनीति ने फिर करवट ली और करवट लेते ही वर्तमान अध्यक्ष अमृत पटेल की कुर्सी अब खतरे में पड़ गई है।
भाजपा के प्रशिक्षण दिवस के बाद राजनीति ने ली करवट
दरअसल 2 दिन पहले ही सरायपाली में BJP का 3 दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर हुआ था। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित प्रदेश स्तर के बड़े नेता शामिल हुए थे। इस शिविर में कार्यकर्ताओं से वन टू वन बातचीत हुई थी। जिसके बाद से अब सरायपाली नगर पालिका परिषद की कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई है। आपको बता दे कि आवेदन देने वाले सभी 10 पार्षद बीजेपी के है जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन दिए हैं। पालिका अध्यक्ष की कुर्सी गिराने 11 पार्षदों की जरूरत बीजेपी को होगी। ऐसे में कांग्रेस व पालिका अध्यक्ष अभी भी अपना पलड़ा भारी मानकर चल रहे है।