छत्तीसगढ़- भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल द्वारा अपने सोशल मीडिया पोस्ट से आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ की भुपेश सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल आपको बता दे कि भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने राजस्थान के उदयपुर में हुए तालिबानी हत्याकांड एवं उसके अपराधियो मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के पाकिस्तानी संस्था से जुड़े आतंकी तार को लेकर अपने पोस्ट से निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि इसी पाकिस्तनी संस्था को कांग्रेस सरकार 25 एकड़ भूमि आबंटित करने जा रही थी।
बृजमोहन ने देखिए क्या कहा
” मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाकिस्तानी संस्था दावते इस्लामी को छत्तीसगढ़ में 25 एकड़ जमीन अलॉट कर रहे थे। पर समय रहते हमारे विरोध करने पर बात पब्लिक के सामने आ गई और उनको अलॉटमेंट रद्द करना पड़ा।
उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या करने वाले दोनों व्यक्ति भी इसी पाकिस्तानी संस्था के संपर्क में थे।
क्या यह कांग्रेसी छत्तीसगढ़ में भी उदयपुर जैसी घटना का इंतजार कर रहे हैं? “
देखे पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का ट्वीट
जानिए क्या है पूरा मामला और भाजपा ने क्यो किया था विरोध
आज से कुछ माह पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुस्लिम संस्था “दावत-ए-इस्लामी संगठन” को कांग्रेस सरकार द्वारा 25 एकड़ जमीन आवंटित करने को लेकर बवाल मच गया था। जिसे लेकर विपक्षी पार्टी भाजपा के बड़े नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। इतना ही नहीं, इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करि थी । इस मुद्दे पर बवाल मचने के बाद जमीन का आवेदन को रद्द कर दिया गया था ।
पाकिस्तान के कराची शहर से संस्था के है ताल्लुक
जमीन आबंटन विवाद को लेकर भाजपा ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाया था कि बघेल सरकार पाकिस्तान की एक संस्था दावत ए इस्लामी को सामुदायिक भवन बनाने के नाम पर 25 एकड़ जमीन दिए जाने की तैयारी कर रही है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस संबंध में पेपर में इस्तिहार भी जारी कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है और अगर जरूरत पड़ी तो इसके विरोध में हम कोर्ट भी जाएंगे।
आतंकी संस्था , आतंकियों के लिए फंडिंग करती है
भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने पूर्व में कहा था कि यह संस्था का ताल्लुक पाकिस्तान के कराची शहर से है। इस संस्था की स्थापना 80 के दशक में हुई थी। और अब रायपुर में इस संस्था को जमीन देने की तैयारी है। दावत ए इस्लामी एक आतंकी संस्था है और आतंकियों के लिए फंडिंग करती है। इस संस्था के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और धर्मांतरण करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा था की कई ऐसी संस्थाएं हैं जिनके आवेदन 10 सालों से पेंडिंग पड़े हैं, मगर 2020 में आवेदन करने वाली इस संस्था को फौरन जमीन देने की तैयारी है।
जानिए क्या है आबंटन का पूरा मामला
इस जमीन आबंटन के मामले पर तब अनुविभागीय दंडाधिकारी देवेंद्र पटेल ने एक विज्ञप्ति जारी करि थी। जिसमें कहा गया था कि अभी दावत-ए-इस्लामी संस्था को जमीन का आवंटन नहीं हुआ है। इसे पहले ही कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही कहा कि इस संस्था की तरफ से सैयद कलीम ने सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 10 हेक्टेयर भूमि आवंटन के लिए आवेदन दिया था। लेकिन विज्ञापन प्रकाशन के बाद आवेदक ने तहसीलदार के न्यायालय में मौजूद होकर अपना आवेदन ये कहकर वापस ले लिया कि उन्होंने गलती से रकबा 10 हेक्टेयर लिख दिया था, जबकि उन्हें केवल 10 हजार वर्गफुट जमीन की ही जरूरत है।
1981 में कराची में हुई थी इसकी स्थापना ,
आपको बता दें कि जिस संस्था को लेकर छत्तीसगढ़ में बवाल मचा था, वह संगठन दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान की एक सुन्नी इस्लामी संस्था है। जिसकी स्थापना 1981 में कराची में हुई थी। मौलाना अबू बिलाल मुहम्मद इलियास कादरी इसके संस्थापक माने जाते हैं। इस संस्था के पूरी दुनिया में कई संस्थान हैं। जहां मुस्लिम छात्र इस्लाम से जुड़ी पढ़ाई करते हैं।
उदयपुर के टेलर के हत्यारो के भी थे पाकिस्तानी तार जुड़े थे इसी संस्था से
पुलिस जांच रिपोर्ट्स के अनुसार उदयपुर में टेलर की बर्बरता पूर्ण हत्या को अंजाम देने वाले आरिपियो को लेकर जांच में कई अहम जानकारियां सामने आईं हैं जो आरोपियों का पाकिस्तानी कनेक्शन बता रही हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी रियाज और गौस कराची गई थे। जहा पर दोनों आरोपियों ने करीब 15 दिन की ट्रेनिंग भी ली थी। यह ट्रेनिंग उनके द्वारा 2014-15 में ली गई है। दोनों आरोपी पाकिस्तान में दावत-ए-इस्लाम संगठन से भी जुड़े हुए थे। वही कराची से वापस आने के बाद दोनों आरोपी समाज के युवाओं को लगातार अपने धर्म के लिए कट्टर रहने के लिए भी भड़का रहे थे। उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था जिसमें भड़काऊ वीडियो और मैसेज भेजकर इनके द्वारा युवाओं का ब्रेन वॉश किया जा रहा था।