दुर्ग– छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर श्रृजन कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योग की स्थापना हेतु बैंको के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें शासन द्वारा 35 प्रतिशत अनुदान का लाभ दिया जाएगा । वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु छत्तीसगढ़ राज्य के सभी 28 जिलों के माध्यम से आवेदन जमा कर योजना का लाभ लिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)-
केन्द्र शासन की इस योजना के तहत शहरी एवं ग्रामीण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग के लिए सेवा क्षेत्र के लिए (साइकिल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक/इलेक्ट्रिक रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, फोटोकॉपी, वीडियोग्राफी इत्यादि) के लिए 20 लाख तक का लोन बैंक के माध्यम से दिया जाता है। विनिर्माण क्षेत्र (दोना पत्तल निर्माण, फेब्रिकेशन, दूध डेयरी प्रोडक्ट, साबुन निर्माण, मसाला निर्माण, दलिया निर्माण, पशु चारा निर्माण, फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण, नूडल्स निर्माण इत्यादि) के लिए 50 लाख तक का लोन बैंक के माध्यम से प्रदाय किया जाता है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राही को 35% तथा शहरी क्षेत्र के हितग्राही को 25% अनुदान का लाभ दिया जाता है। परंतु सामान्य वर्ग के पुरुष ग्रामीण हितग्राही को 25% तथा शहरी हितग्राही को 15% अनुदान का लाभ दिया जाता है। इस हेतु इच्छुक पीएमईजीपी पोर्टलमें ऑनलाईन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (सीएमईजीपी)-
राज्य शासन की इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग, को सेवा क्षेत्र के लिए (साइकिल रिपेयरिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक/ इलेक्ट्रिक रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, फोटोकॉपी, वीडियोग्राफी इत्यादि के लिए 1.00 लाख रुपए तक बैंक द्वारा लोन दिया जाता है। इसी प्रकार विनिर्माण क्षेत्र (दोना पत्तल, निर्माण, फेब्रिकेशन, दूध डेयरी प्रोडक्ट, साबुन निर्माण, मसाला निर्माण, दलिया निर्माण, पशु चारा निर्माण, फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण, नूडल्स निर्माण इत्यादि) के लिए रू. 3.00 लाख तक का लोन प्रदाय किया जाता है। जिसमें 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना में हितग्राही को परियोजना लागत का 5 प्रतिशत स्वयं लगाना होता है । विस्तृत जानकारी हेतु खादी ग्रामोद्योग शाखा जिला पंचायत दुर्ग से संपर्क कर सकते हैं।