छत्तीसगढ़- राजधानी रायपुर की पुलिस ने भारत में रहकर आतंकवादियों के लिए स्लीपर सेल का काम करने वाले एक शख्स को पकड़ा है । बताया जा रहा है कि मूलत : बिहार के जमुई क्षेत्र का रहने वाला ये शातिर शख्स कुछ वक्त पहले ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहने लगा था ।
वही इसके अन्य साथीयो को पुलिस ने पहले ही साल 2013 में गिरफ्तार कर चुकी है। वही पुलिस को इसी शख्स की बहुत समय से तलाश थी ।
जिसको झारखंड के देवघर से पकड़ लिया गया । पकड़े गए शख्स का नाम श्रवण मंडल ( 41 ) बताया गया है । श्रवण का मौसेरा भाई धीरज जो राजधानी रायपुर में रहकर फास्ट फूड का ठेला चलाया करता था। धीरज को साल 2013 में पाकिस्तानी कनेक्शन होने की वजह से पकड़ा गया था । दरअसल धीरज अपने मौसेरे भाई श्रवण का ही साथ दे रहा था , इसी वजह से वह गिरफ्तार हुआ था । आपको बता दे कि पड़ोसी देश पाकिस्तान से डायरेक्ट लिंक रखते हुए फंडिंग का काम श्रवण किया करता था । जब पुलिस ने 2013 में स्लीपर सेल की धरपकड़ की थी तब श्रवण वहा से भाग गया था ।
स्लीपर सेल की तरह काम , फंडिंग कर आतंकियो करता था ट्रांसफर
छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस को सबूत मिले हैं कि श्रवण ने भारतीय लोगों के नाम पर ICICI बैंक में खाते खुलवाए है । और वह पाकिस्तान से आने वाली रकम को इन्ही खातों के जरिए आतंकियो और उनके संगठन के लिए काम करने वाले दूसरे लोगों को वह भेजा करता था । जानकारी मिली है कि वह ये रकम आतंकी संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगो को भेजता था जो इसका इस्तेमाल करते थे । श्रवण एक तरह से दोनों आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल की तरह काम किया करता था , किसी को शक न हो करके वो बकायदा आम लोगों के बीच आम मजदूरी वगैरह करके जिंदगी बिता रहा था , मगर इसके संबंध पाकिस्तानी आकाओं से थे ।
पाकिस्तान से आया था फोन , खाते में आने वाली रकम का मिलता था कमीशन
जानकारी अनुसार पाकिस्तान में रहने वाले खालिद नाम के शख्स ने श्रवण को फोन किया था । और उसने कहा था कि बैंक में खाते खुलवाओ , जिससे तुम्हें भी पैसे कमाने का मौका मिलेगा , खाते में आने वाली रकम का 13 % कमीशन काटकर बाकी के पैसे राजू खान , जुबैर हुसैन और आयशा बानो नाम के लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर करने हैं । श्रवण और उसका भाई धीरज साव जिसकी गिरफ्तारी पहले हुई है ये दोनों ही पाकिस्तानी आकाओं के बताए गए खातों में रकम ट्रांसफर किया करते थे ।
इनके 2 साथी पिछले साल भी पकड़े गए थे
जांच एजेंसी NIA को भी इसके सबूत मिले थे कि ये पैसे आतंकी संगठन SIMI और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों तक पहुंच रहे हैं । इस मामले में साल 2013 में धीरज की गिरफ्तारी रायपुर में हुई थी। उसका मौसेरा भाई श्रवण फरार था। जिसकी तब से तलाश जारी थी । इस केस में धीरज द्वारा जिनके खातों में रकम ट्रांसफर करि जाती थी । उनमें मैंगलोर के रहने वाले जुबैर और आयशा का नाम शामिल था । पप्पू मंडल और राजू खान को पिछले साल ही गिरफ्तार किया गया है ।