छत्तीसगढ़- प्रदेश के कोरिया जिले में गुरुवार-शुक्रवार की रात को 4.6 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए है। इस भूकंप के झटके को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि झटके रात करीब 12.56 बजे कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुंठपुर के करीब में महसूस किए गए है। भूकंप के झटके सोनहत एवं रामगढ़ के इलाकों में महसूस किए गए। वहीं जिला मुख्यालय बैकुंठपुर सहित सूरजपुर एवं बलरामपुर जिले के लोगों को भूकंप का हल्का झटका महसूस हुआ। बताया गया कि भूकंप का केंद्र धरातल से लगभग 16 किलोमीटर अंदर की गहराई में था।
दो लोगो के चोटिल होने की मिली जानकारी
वही अधिकारीयो ने बताया कि जानकारी मिली है कि भूकंप के समय जिले के चरचा क्षेत्र में स्थित साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के कर्मचारी रात में क्षेत्र के दौरे पर थे। उन्हें जब भूकंप का झटका महसूस हुआ तो वे वहां से निकलने की कोशिश करने लगे और इस दौरान गिरने से दो कर्मचारियों को हल्की चोट पहुंची है। फिलहाल कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत अब खतरे से बाहर बताई गई है।
आगे जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि इस श्रेणी के भूकंप से आंशिक क्षति का ही अंदेशा रहता है अधिकतर जो कच्चे बनावट होते है उन्हें ही नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, क्षेत्र से अब तक किसी क्षति या जनहानि की जानकारी नहीं है।
पहले भी आ चुके है यहा भूकंप
आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर क्षेत्र के कोरिया जिले में इस महीने की 11 तारीख की सुबह भी 4.3 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया था।
फाल्ट जोन में है क्षेत्र जहा हमेशा भूकंप का खतरा रहता है
बता दे कि कोरिया जिले का सोनहत क्षेत्र का एरिया फाल्ट जोन में आता है। आज से करीब तीन वर्ष पूर्व 01 सितंबर 2018 को भी यहां 4.7 तीव्रता का भूकंप के झटके आये थे। वही उस समय इसका इसर ज्यादा हुआ था। बैकुंठपुर में छतों के पंखे एवं घर में रखे सामान पूरे हिल गए थे। फाल्ट जोन में हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है।
छत्तीसगढ़ का उत्तरी भाग सरगुजा व कोरिया जिला भूकंप की दृष्टि से फाल्ट जोन माना जाता है। यहा 10 अक्टूबर 2000 को कोरबा-सरगुजा के बीच सुरता में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका असर व्यापक था। वहीं वर्ष 2001 में अंबिकापुर क्षेत्र के गोरता में भी 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था।