छत्तीसगढ़ – भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) छत्तीसगढ़ में भाजपा की जमीनी स्थिति का जायजा लेने और सत्ता में वापसी की वस्तुस्थिति जानने के लिए जल्द ही राजधानी रायपुर (Raipur) आने वाले हैं। जेपी नड्डा प्रदेश स्तर के सभी बड़े नेताओं से तो मिलेंगे ही, इसके अलावा वो बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात कर पार्टी की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।
केंन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी छत्तीसगढ़ दौरा
वही दूसरी तरफ( central minister amit shah) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी छत्तीसगढ़ ( chhattisgarh) दौरे पर आ रहे हैं। अमित शाह का यह प्रवास केंद्र की मोदी सरकार के अब तक के कामकाज के प्रचार और प्रदेश में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति की समीक्षा करने से संबंधित है। ऐसा कहा जा रहा है की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अलग-अलग समाज के प्रमुख लोगों से भी मुलाकात करने वाले है। उनके आने की ये जानकारी दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दी थी। जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (jp nadda) अगस्त के आखिरी सप्ताह में आएंगे तो वहीं अमित शाह सितंबर के शुरुआती सप्ताह में रायपुर आएंगे।
भाजपा के बड़े नेताओं के दौरे पर कांग्रेस ने कसा तंज
दौरे की सूचना पर कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आंनद शुक्ला ने छत्तीसगढ़ में भाजपा की स्थिति पर तंज कसा है। शुक्ला ने कहा कि देश में अपने आप को सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यहां आकर बूथ लेवल की बैठक लेनी पड़ रही है। भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े रणनीतिकार मानने वाले (Amit Shah) अमित शाह छत्तीसगढ़ आते हैं और छत्तीसगढ़ में लगभग एक दर्जन केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के बाद आकर समीक्षा करते हैं तो यही इस बात का द्योतक है की उनके पास कांग्रेस सरकार के लिए कोई मुद्दा ही नही है।
कांग्रेस के बयान पर बीजेपी का पलटवार
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता (Kedar Gupta) ने कांग्रेस नेता के इस बयान पर पलटवार किया है। केदार गुप्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कैडर बेस पार्टी है। यहां परिवारवाद नहीं चलता, गांधी परिवार में तो जब तक रहेंगे मैं अध्यक्ष नहीं तो मेरा बेटा अध्यक्ष चलता है।भारतीय जनता पार्टी परफॉर्मेंस देती है। हमारे पार्टी के सिद्धांतों को हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बूथ लेवल तक ले जाते हैं। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष तो राजा होते हैं। घर में बैठकर आर्डर चलाते हैं, वह आएंगे और सभी गली मोहल्लों में भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जाएंगे।
शाह और नड्डा के दौरे के कई राजनीतिक कयास लगाए जा रहे है क्या बदलेंगे नेता प्रतिपक्ष ?
हाल ही में भाजपा हाईकमान ने छत्तीसगढ़ में भाजपा का अध्यक्ष बदला है। भाजपा ने आदिवासी नेता विष्णुदेव साय (VishnuDev Say) की जगह ओबीसी वर्ग से अरुण साव को छत्तीसगढ़ भाजपा का नेतृत्व सौंपा है। अब चर्चा नेता प्रतिपक्ष को लेकर है। ये कयास लगाए जाने लगे है कि हाईकमान अब नेता प्रतिपक्ष को भी बदलने का फैसला ले सकती है। अभी छत्तीसगढ़ में धरमलाल कौशिक (Dharamlal Kaushik) नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे है। वे कई मौकों पर सरकार पर हावी हुए है। और विधानसभा में वे कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरते नजर आए है।
दरअसल भाजपा नेतृत्व जातिगत वोट बैंक को साधने की जुगत में है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आते है। हांलाकि वो कुर्मी समाज वर्ग से ताल्लुक रखते है। इसी को ध्यान देते हुए भाजपा ने भी ओबीसी वर्ग से भाजपा अध्यक्ष बना दिया है। लेकिन भाजपा अध्यक्ष अरुण साव (Arun Sao) ओबीसी वर्ग के साहू समाज से आते है। हांलाकि साहू समाज वर्ग की भी बहुतायत छत्तीसगढ़ में काफी है। इस तरह से भाजपा ने भी एक वर्ग विशेष को साधने के लिए अपना पाशा फेंका है।
हांलाकि अब इस बात को भी बल इस लिए मिला है कि पूर्व में भाजपा के आदिवासी अध्यक्ष भाजपा ने हटा कर ओबीसी वर्ग के नेता को अध्यक्ष बनाया है। वही कांग्रेस (Congress) में अभी प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी नेता मोहन मरकाम (Mohan Markam) है। अरुण साव को जिस दिन अध्यक्ष बनने की पार्टी ने घोषणा करी थी। इत्तेफाक उस दिन आदिवासी दिवस था और आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी वर्ग के नेता को पद से हटाने के भाजपा के निर्णय को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी को भाजपा को घेरने का भी मौका मिल गया।
और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को काफी भुनाया और सोशल मीडिया में इस निर्णय को लेकर कांग्रेस नेताओं के पोस्ट की बाढ़ सी आ गयी। हांलाकि बाद में विष्णुदेव साय को बयान जारी कर कहना पड़ा कि भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है और आदिवासी समाज का मान रखने आदिवासी राष्ट्रपति भी भाजपा ने दिया है।
इन सब के बीच भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक दिल्ली हाईकमान के पास मुलाकात करने पहुँच जाते है। जानकारों का मानना है कि कौशिक हाईकमान का मन टटोलने गए हुए थे कि कही अध्यक्ष के बाद अब नेता प्रतिपक्ष को तो नही बदलने वाली है।
अब जानकारों की माने तो भाजपा हाईकमान नेता प्रतिपक्ष को भी बदल सकती है। नड्डा और शाह के दौरे के बाद ये स्थिति साफ हो जाएगी और कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व किसी आदिवासी वर्ग से नेता प्रतिपक्ष बनाने का विचार कर सकती है। अब देखने वाली बात है कि भाजपा छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी के लिए किस तरह से कांग्रेस पार्टी के किले को ढहाने की रणनीति तैयार करती है।