अहिवारा ब्रेकिंग : कांग्रेस पार्षद पूर्णिमा अमित दास ने मंत्री रुद्रकुमार को सौंपा अपना इस्तीफा, इस्तीफे में मंत्री के साथ ही कुछ नेताओं पर लगाये आरोप, जानिए क्यों कांग्रेस हो रही अहिवारा में कमजोर

अहिवारा – अहिवारा (Ahiwara MLA) विधायक और मंत्री गुरु रूद्रकुमार अपने क्षेत्र से गुटबाजी कम नही कर पा रहे है। इसका नतीजा यह है कि पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता अब अपने सम्मान के लिए पार्टी से अपने आप को पृथक करने में लगे है। कार्यकर्ताओ द्वारा पहले भी समय समय पर दबी जुबान में कहा गया है कि विधायक उनकी अनदेखी करते है और पार्टी के विरोधी दल के नेताओ (BJP) को महत्व देते है। उनके इर्द गिर्द सिर्फ काम निकालने वाले नेता भटकते रहते है और पार्टी के कर्मठ सिपाहियों को काम के लिए चक्कर लगाना पड़ता है। किसी कार्य की मांग करने पर भी उनकी प्राथमिकता कांग्रेस पार्षद या प्रतिनिधियों के लिए नही होती।

लागातार कांग्रेस से पार्षद रही पूर्णिमा अमित दास ने सम्मान के खातिर मंत्री रूद्रकुमार को सौपा अपना इस्तीफा

अहिवारा कॉंग्रेस पार्षद पूर्णिमा अमित दस ने मंत्री रूद्रकुमार को अपना इस्तीफा सौंपा।

हमेशा से विवादों में रहने वाले नगरपालिका परिषद अहिवारा ( Municipal corporation Ahiwara) में विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। इस बार अब नगर पालिका परिषद वार्ड 11 की कर्मठ कांग्रेसी पार्षद पूर्णिमा अमित दास( हनी) ने संगठन के क्रियाकलाप एवं नगर पालिका परिषद चुनाव में भितरघात के ऊपर कार्यवाही नहीं होने एवं बार-बार संगठन एवं नगर पालिका अधिकारी के द्वारा मनमानी करने के कारण लोक स्वास्थ्य मंत्री गुरु रुद्र कुमार को अपना इस्तीफा सौंपा है।

जानिए क्यों पार्षद ने अपने इस्तीफे में खुलेआम मंत्री पर भी लगाए आरोप

पार्षद द्वारा सौंपे इस्तीफे में लिखा है कि “मै पूर्णिमा अमित दास पार्षद वार्ड क्र . 11 , नगर पालिका परिषद् अहिवारा विदित हो कि मैं लगातार दो बार कांग्रेस पार्टी से पार्षद चुनी गई एवं इसके पहले पूर्व में मेरे पति अमित दास जी भी कांग्रेस पार्टी से पार्षद पद पर आशिन रहे मगर आज कांग्रेस पार्टी कुछ मौका परस्त लोगों की गलत रीति नीतियों के कारण मुझसे द्वेष भावना से चीढ़ते हुये हर जगह अपमानित करते आ रहे है पहले भी मेरे द्वारा नगर पालिका परिषद अहिवारा के चुनाव में पार्टी के विपरीत कार्य करने वालों की जानकारी आपको मौखिक रूप से अवगत कराई गयी थी । किंतु आज तक उस पर कोई विचार नहीं किया गया और न ही नगर पालिका अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सीट हारने के बाद भी आज तक यहाँ हार की समीक्षा न होना यह भी गंभीर विषय है ये वही लोग है जो खुलेआम पार्टी विपरीत जाकर कार्य किये और पार्टी विपरीत जाकर नगरीय निकाय चुनाव लड़े , तत्पश्चात आपके द्वारा ईनाम के तौर पे उन्हें पार्टी के उच्च पदों पर आसिन किया गया और मुझे जो कि लगातार दो से तीन बार जीतकर पार्टी का सम्मान बढ़ाने की सजा यह मिली कि न ही मुझे आपके द्वारा संगठन में किसी पद की जवाबदारी दी गई तथा पार्टी के नगर अध्यक्ष के द्वारा लगातार संगठन के कई कार्यक्रमों में मेरी उपेक्षा करना यह भी सोचने का विषय है और जो लोग पार्टी विपरीत कार्य में संलिप्त होने के कारण निष्कासित है उनका फोटो पार्टी के फ्लैक्स में लगाकर संगठन को क्या मैसेज देने की कोशिश की जा रही है ?

कांग्रेस पार्षद द्वारा सौंपा गया इस्तीफा

नगरपालिका अधिकारी (CMO) पर भी लगाए आरोप

Ahiwara nagar palika

अपने इस्तीफे में दास ने आगे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी का कार्यक्रम वार्ड क्र . 11 में भी संगठन अध्यक्ष द्वारा मेरी उपेक्षा की गई , जिससे मेरे वार्ड में बुजुर्ग और मेरे साथियों को उक्त बात से आहत पहुँची । मेरे द्वारा लगातार जनहित कार्यों के लिए जो अनुशंसा पार्षद निधि से की जाती है उस पर नगर पालिका अधिकारी द्वारा किसी प्रकार से संज्ञान में न लेकर कार्य किया जाता है जिससे जनता को मौजूदा सुविधा से वंचित रहना पड़ता है जिसके कारण में आय दिन वार्ड की जनता से आपत्तिजनक शब्द सुनना पड़ता है एवं नगर पालिका के द्वारा जब भी वार्ड क्र . 11 का भूमिपूजन या अन्य किसी कार्य का प्रोटोकॉल बनाया जाता है उसमें मेरे नाम की उपेक्षा हमेशा की जाती रही है । अतः माननीय महोदय जी से निवेदन करती हूँ कि मैने कई बार आपको इन सारे विषयों को मौखिक रूप से अवगत कराते आ रही हूँ मगर आज तक इन संगीन विषयों पर आपके द्वारा गंभीरता व्यक्त नहीं की गई न ही संगठन में किसी प्रकार चर्चा की गई । जिससे मैं लगातार अपने आपको असहज असहाय महसुस कर रही हूँ । मैं सम्मान की रक्षा के लिए पार्टी संगठन एवं जनता द्वारा चुने गये पार्षद पद से इस्तीफा दे रही हूँ।

पार्षद के ही वार्ड में था मंत्री का कार्यक्रम, पर कार्यक्रम में पार्षद का ही नाम गायब था

मंत्री रुद्र कुमार के वार्ड 11 अहिवारा दौरे के कार्यक्रम की जानकारी

हमेशा विवादों में रहने वाले अहिवारा नगरपालिका परिषद के अधिकारी द्वारा आये दिन कुछ न कुछ विरोधाभास को जन्म देते रहते है। जिस पार्षद के वार्ड में उनकी ही पार्टी के विधायक और मंत्री का कार्यक्रम है उन्हें ही प्रोटोकॉल से हटा दिया गया। इस तरह से एक शासकीय अधिकारी द्वारा करी जाने वाली ये पक्षपात की राजनीति कई सवालों को जन्म देती है। दरअसल नगरपालिका अध्यक्ष और सीएमओ पर अपनी मनमानी चलाने के आरोप लगते रहे है। इनके द्वारा अन्य जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने के कई शिकायत रहे पर मंत्री और क्षेत्रीय विधायक द्वारा इन पर कभी विचार नही किया गया। हाल ही में हरेली कार्यक्रम में भी बाकी जनप्रतिनिधियों के नाम पालिका अधिकारी द्वारा जारी कार्ड से हटा दिए गए थे इसमें पालिका अध्यक्ष के साथ सिर्फ पालिका अधिकारी का ही नाम था। जिसमे इस कार्यक्रम का कुछ पार्षदों द्वारा विरोध किया गया था और उन्होंने इस कार्यक्रम से अपने आप को अलग कर लिया था।

भाजपा पालिका अध्यक्ष और CMO पर है कई आरोप

  • बिना टेंडर प्रक्रिया निकाले ठेकेदारों को काम दे देना।
  • पार्षदों को ही पालिका के कार्यो में ठेकेदारी का काम दे देना।
  • पालिका की संपत्ति ट्रेक्टर का अध्यक्ष के मित्र व भाजपा नेता के खेत मे जुताई पर लगा देना।
  • गौठान के ठेकेदारी में हेर फेर कर घटिया निर्माण कर देना जिसके बाद 1 माह में ही गौठान का अस्तित्व खत्म हो गया था।
  • Slrm सेंटर वार्ड 4 में निर्माण के लिए भाजपा पार्षद के भाई को टेंडर दे देना और राशि जारी कर देना जिसका विरोध खुद भाजपा के ही पालिका उपाध्यक्ष अशोक बाफना ने इस भरस्टाचार का खुलासा कर विरोध किया था।
  • पालिका के बिना बजट पारित हुए काम जारी कर देना आपको बता दे कि नगर पालिका का बजट सत्र अभी हाल ही में पारित हुआ है। यह एक ऐसा पालिका परिषद है जहा बिना बजट पारित हुए ठेकेदारों को काम दे दिए गए। बजट माह के दौरान ही भाजपा के ही ईमानदार नेता अशोक बाफना ने बजट पुस्तिका जारी करने कहा था उन्होंने आरोप लगाया था कि एक पन्ने में ही बजट पुस्तिका देकर संवैधानिक कार्य का मजाक बनाया जा रहा है।
  • आगे उन्होंने आरोप लगाया था कि जितने का भवन नही उतने का उसका मेंटेनेंस खर्च दिखाया जा रहा।
  • अहिवारा बस स्टैंड के दुकानों की नीलामी आनन फानन में करना पूर्व में इसके ऊपर कोर्ट में केस चल रहा था उसके बाद भी नीलामी प्रक्रिया करी गयी इस नीलामी में पार्षदों द्वारा बोली लगाने के भी आरोप आये थे और गिनती के लोगो द्वारा भाजपा अध्यक्ष के करीबीयो को दुकान का आबंटन किया गया।
  • स्वछता के लिए लगाए गए डस्टबिन को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा देना।
  • नगरपालिका अधिकारी द्वारा पार्षदों द्वारा पार्षद निधि के कार्यो की मांग करी जाती है तो उन पर ध्यान न देना।
  • नगरपालिका की लापरवाही से SLRM सेंटर में नरवा घुरवा बाड़ी योजना के तहत लगाए गए गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन का चोरी हो जाना।

जानिए विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति क्यो हो रही कमजोर

दरअसल मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने 2013 के चुनाव में आरंग की सीट से चुनाव लड़ा था जहाँ उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के युवा प्रत्याशी नवीन मार्कण्डेय ने उन्हें चुनाव हराया था। जिसके बाद से रूद्रकुमार सुरक्षित सीट की तलाश में SC बाहुल्य अहिवारा से चुनाव लड़ने के प्रयास में थे 2013 में भी उनके नाम की चर्चा यहा से थी। पर अहिवारा विधानसभा ( Ahiwara Assembly) से अशोक डोंगरे को टिकट दे दिया गया। जिन्हें भाजपा नेता सांवलाराम डाहरे ने चुनाव हराया था।

गुरु रुद्र कुमार ने आरंग से अपनी हार के बाद 2018 में अहिवारा को सुरक्षित मान यहा से चुनाव लड़ा और प्रदेश में कांग्रेस के घोषणा पत्र की ही लहर का असर रहा और पूर्व विधायक सांवला राम की निष्क्रियता का फायदा उन्हें मिला और वे विधायक चुने गए जिसके बाद भुपेश बघेल ने अपने कैबिनेट में उन्हे जगह दी।

जामुल और अहिवारा नगरपालिका जैसे बड़े चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार

आपको बता दे कि जिस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अहिवारा और जामुल से अच्छे खासे मतों को प्राप्ति हुई थी उस विधानसभा के सबसे मुख्य नगर पालिका जामुल और नगर पालिका अहिवारा में सत्ता के विधायक और मंत्री और शासन होने के बावजूद कांग्रेस को मुँह की खानी पड़ी थी। दोनों नगर पालिका चुनाव का परिणाम भाजपा की झोली में गया। वही अहिवारा में कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग भी करी थी पर इस पर अभी तक विधायक द्वारा कोई ठोस कारवाही नही करी गयी। कांग्रेस के नेताओ ने कई मर्तबा इसकी शिकायत करी पर इस पर मंत्री का ध्यान न देना कई सवालों को जन्म देता है।

क्यों कांग्रेस नही कर पा रही अहिवारा में विरोध

अहिवारा नगर पालिका (Ahiwara) के कई कार्य और भरस्टाचार का विरोध कांग्रेस के नेता नही कर पाते, दरअसल छत्तीसगढ़ में जिस जगह में पालिका या पंचायत में विरोधी दल की सत्ता रही है उन्हें हर काम फूंक फूंक कर करना पड़ता है। क्योंकि उनके हर गलत काम पर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता विरोध पर उतर आते है। पर इन सबके विपरित अहिवारा में कांग्रेस चुपचाप रहती है। अभी तक एक भी मुद्दों को लेकर कांग्रेस मुखर नही हो पाई है। वही कुछ कांग्रेस नेताओं ने नाम न छापने के तर्ज पर कहा कि मंत्री जी का समर्थन है इस लिए शांत रहना पड़ता है। फिलहाल अब देखने वाली बात है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है और कांग्रेस के सच्चे सिपाही ही पार्टी से अलग होने लगे तो आने वाला चुनाव परिणाम पर इसका असर पड़ सकता है।

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