छतीसगढ़ अलर्ट :- अन्य राज्यो के बाद ब्लैक फंगस ने भी दी राज्य में अपनी दस्तक, इस से पीड़ित मरीजों को रायपुर एम्स में कराया गया है भर्ती…. जाने क्या है यह ब्लैक फंगस और इसके लक्षण?

ब्लैक फंगस
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छत्तीसगढ़:- छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी ब्लैक फंगस ने अपनी दस्तक दे दी है,इस बीमारी से पीड़ित करीब 15 मरीज रायपुर एम्स में भर्ती कराये गए हैं, इस खबर की पुष्टि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कर दी है। बताया जा रहा है कि कोरोना की अनियंत्रित दवाओं की वजह से ही ब्लैक फंगस मरीजों को हो रहा है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कोरोना महामारी से देश लड़ ही रह था के इसी बीच देश में अब ब्लैक फंगस ने अबनी दस्तक दी जिसके बढ़ते मामलो के कारण मरीजों की मौत की बड़ी वजह बनकर सामने आ रही हैं। इस फंगस को गले में ही शरीर की एक बड़ी धमनी कैरोटिड आर्टरी मिल जाती है। आर्टरी का ही एक हिस्सा आंख में रक्त पहुंचाती है। जो फंगस रक्त में मिलकर आंख तक पहुंचता है। यह आगे और न बढ़े इसी कारण ब्लैक फंगस या ब्लड फंगस से संक्रमित मरीजों की आंख निकालने के मामले सामने आ रहे हैं। देश मे अब हर दिन बढ़ रहे हैं मामले गंभीर मामलों में मस्तिष्क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है।
अब छतीसगढ़ में भी ऐसे मामले सामने आने लगे है, इसके पहले देश के अन्य राज्यो में इसकी पुष्टि हुई थी।

जाने क्या है इसके लक्षण..

ब्लैक फंगस की चपेट में आने पर मरीज की सबसे पहले आंख अचानक से लाल हो जाती है।इसके साथ आंख में सूजन आ जाएगी। नजर भी कमजोर पड़ने लगेगी।इसके गंभीर मामलों में आंख की रोशनी भी जा सकती है।कोरोना रोगी आंख की लालिमा या सूजन को नजरअंदाज न करें।फंगस धमनियों के जरिए जब मस्तिष्क तक पहुंचेगा, तो रोगी को अचानक लकवा,मिर्गी का दौरा,बेहोशी,सिर में असहनीय दर्द जैसी गंभीर दिक्कतो का सामना करना पड़ सकता हैं। कुछ गंभीर मामलों में रोगी की अचानक मौत भी हो सकती है।

जाने ब्लैक फंगस होने के कारण…

स्टेरॉयड शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को कम करता है,जिससे इस फंगस को बढ़ने का मौका मिलता जाता है।जिन भी कोरोना के मरीजों को स्टेरॉयड दी जा रही है,उनमें ही ये दिक्कत ज्यादा देखने को मिल रही है।स्टेरॉयड के पांच दिन की डोज की शुरुआत 16 एमजी के साथ शुरू होती है। इसके बाद आठ एमजी,फिर चार एमजी और फिर दो एमजी होती है, बाकी मरीज की स्थिति के अनुसार ही इसकी डोज डॉक्टर तय करते हैं। स्टेरॉयड की डोज छठे दिन से बंद हो जानी चाहिए। किसी भी को अपने मन से कोई भी स्टेरॉयड नहीं लेना है। स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से मरीज की जान जोखिम में पड़ना भी तय है।

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