अमित चंद्राकर की मेहनत रंग लाई , शिकायत पर राज्यपाल के संज्ञान के बाद प्रदेश सरकार ने लिया फैसला….सी एम सी कालेज भिलाई के स्टूण्डेन्ट होंगे दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट

भिलाई -मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन व संज्ञान के बाद प्रदेश सरकार के फैसले का अमित चंद्राकर ने स्वागत करते हुवे राज्यपाल व मुख्यमंत्री का धन्यवाद माना।
आज सरकार के इस विचार पर कि चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कालेज भिलाई के बच्चों के हितो को ध्यान में रखते हुए उन्हें दूसरे अन्य कालेज में शिफ्ट किया जाए। सराहनीय है जिससे भविष्य को लेकर संशय के चलते परेशान मेडिकल के बच्चों को बल मिला है। वर्तमान में चंदूलाल मेडिकल कालेज में अनिमितताओं के करण बच्चो का भविष्य अंधकार में था। जिसे चंदूलाल चन्द्राकर जी के पोते ने प्रमुखता से उठाकर सभी का ध्यान खींचा था ।उन्होंने राज्य सरकार और महामहिम राज्यपाल को पत्र और मिल कर सारी परेशानी और मेडिकल कालेज की के बच्चो के भविष्य को कैसे बचाया जा सकता है उस पर अपनी राय दी थी साथ ही दाऊ चंदूलाल जी के नाम को कुछ तथाकथित सामाजिक लोगों के द्वारा ही अस्पताल की आड़ में भ्र्ष्टाचार व अनाधिकृत कार्य कर खराब किया जा रहा था उस सम्मान को बचाया जा सके।


अमित चन्द्राकर की पहल रंग लाती दिख रही है जिस विश्वास और समझदारी से उन्होंने महामहिम के समक्ष अपनी बात रखी कालेज के भ्र्ष्टाचार और बच्चों के हितों का भी कैसे ध्यान रखा जाए, उसी का परिणाम आज दिख रहा है। अमित चन्द्राकर ने कहा कि बच्चों को अन्य महाविद्यालयों में शिफ्ट करने के बाद चंदूलाल अस्पताल व कालेज के संचालकों द्वारा किये गए नियम विरुद्ध कार्यों की जांच किये जाने में कोई अड़चन भी नही होगी तथा दोषियों को सजा की मांग पर भी अड़चन नही आएगी ऐसा प्रतीत होता है क्यों कि आज तक मेडिकल कालेज के डायरेक्टर लोग बच्चो की आड़ में सरकार पर दबाव और अपनी निक्कमे पन, और भ्रष्टाचार को छुपाने के प्रयास किये। लेकिन आज का सरकार का यह निर्णय निश्चित ही बच्चों के भविष्य पर बहुत अच्छा असर करेगा। अमित चन्द्राकर ने एक बार फिर महामहिम, माननीय मुख्यमंत्री, और स्वस्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंह देव जी का बहुत बहुत आभार व्यक्त किया है।


अमित चन्द्राकर ने बताया कि उनकी कोर्ट में लड़ाई मेडिकल कालेज के विरुद्ध जारी रहेगी और जब तक दोषियों को सजा न मिल जाए तब तक वो न्याय के लिए लड़ेगें तथा महाविद्यालय के कर्ज की अदायगी जब तक उसके संचालकों द्वारा न हो जाय या बैंक द्वारा वसूली की सम्पूर्ण कार्यवाही से मेडिकल कालेज स्वतंत्र न हो जाय तब तक इसके अधिग्रहण की कार्यवाही न हो इस पर लड़ाई जारी रहेगी।

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