टीकाकरण में आरक्षण को प्राथमिकता देने के खिलाफ पूर्व विधायक अमित जोगी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

रायपुर– 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में अंत्योदय राशकार्डधारियो को टीकाकरण में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया था । लेकिन पूर्व विधायक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष श्री अमित जोगी ने हाईकोर्ट में इस निर्णय के खिलाफ याचिका दायर कर दी है । तथा इस विषय को प्राथमिकता से सुनने का निवेदन भी किया है। छत्तीसगढ़ में टीकाकरण में प्राथमिकता देने के प्रदेश सरकार के निर्णय के खिलाफ जोगी ने अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव के माध्यम से आवेदन देकर अपनी हस्तक्षेप याचिका में सुनवाई करने को कहा है।

याचिका में यह प्रस्तुत किया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार का टीकाकरण में प्राथमिकता देने का निर्णय असंवैधानिक एवं अनैतिक होने के साथ ही गैर-वैज्ञानिक भी है। वैक्सीन की डोज़ पहले उनको लगनी चाहिए जिन्हें संक्रमन होने की ज्यादा संभावनाए है , चाहे वो किसी भी वर्ग या जाति के हो। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर ही इसका निर्णय लेने के सक्षम है। याचिका में अमित जोगी ने कहा है कि भारतीय संविधान के अंतर्गत किसी भी शासक को यह अधिकार नही है कि वे ये निर्णय ले कि कौन जिये और कौन मरे।

विज्ञान ही टीकाकरण का आधार होना चाहिए न कि आरक्षण। उपचार का माध्यम सिर्फ एक होता है जिसे चिकित्सा जगत में ट्रीआज कहा जाता है। 15 अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक में भी जोगी ने लिखित में कोरोना की रोकथाम, नियंत्रण और उपचार के लिए सुझाव दिए थे इसमे उन्होंने शासन से यह आग्रह किया था कि टीकाकरण का आधार ट्रीआज होना चाहिए , जिसके आधार पर पूर्व ग्रसित लोगो को टिका लगाने की मांग की थी। जोगी ने याचिका पर प्राथमिकता से सुनवाई करने की अपील भी की है।

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