(सतीश पारख) दुर्ग / पाटन– भाजपा नेत्री एव सदस्य जिला पंचायत दुर्ग हर्षा लोकमनी चन्द्राकर ने एक विज्ञप्ति जारी कर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया है , कि आपने फसल वर्ष 2022-23 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 100 रुपये बढ़ाकर समान्य धान का मूल्य 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। आपका यह कदम, धान के रकबे में वृद्धि करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेगा और उनकी आय बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के एक ट्वीट कि धान के समर्थन मूल्य में 100 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है , प्रोत्साहन राशि मिलाकर इस साल छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रति क्विंटल 2640 रुपए मिलेगा, वहीं अगले साल तक संभावना है कि किसानों को 2800 रुपए मिलने लगे।2018 में भूपेश सरकार सत्ता में आई प्रति क्विंटल 2500 धान का समर्थन मूल्य की घोषणा थी । इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने हर वर्ष धान व फैसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया जिसे प्रदेश की भूपेश सरकार ने बढ़ाकर नही दिया अपितु अपनी घोषित राशि में केंद्र सरकार की बढ़ाई गई उक्त राशि का समायोजन कर 2500 ही दिया जो केंद्र की राशि दबाकर भूपेश सरकार ने किसानों के साथ राजीव गांधी न्याय योजना कहकर अन्याय किया पिछले तीन वर्षों की भी केंद्र द्वारा बढ़ाई गई राशि छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलनी चाहिए।अब 2023 चुनाव को देखते मुख्यमंत्री जिन्होंने तीन साल किसानों का हक छीना रंग बदलकर इस वर्ष केंद्र की बढ़ाई राशि जोड़कर 2640 रु देने की बात मुख्यमंत्री कर रहे। मुख्यमंत्री जी आपने जब राजीव गांधी न्याय योजना की धोषणा की तब धान का समर्थन मूल्य 1750 रु था और आज 2040 हो गया है मतलब केंद्र सरकार ने तीन वर्ष में 290 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य बढ़ाया है और सरकार इस साल बढाकर देने की बात कर पिछले तीन वर्षों की केंद्र की बढ़ी लगभग 210 रुपए प्रति क्विंटल की राशि गोलमाल कर रहे जो किसानों के हक का है और उन्हे मिलना चाहिए।आज आप 2640 रु देने की बात कर रहे है तो पूर्व के तीन वर्ष के समर्थन मूल्य की राशि 210 क्विंटल होता है जिसे आपने न्याय योजना में किसानों को काटकर दिया है जो किसानों के साथ अन्याय है।अगर आप इस बार समर्थन मूल्य के 100 रु को जोड़ कर दे सकते है तो पूर्व के तीन साल के 65रु + 72रु +72रु को भी जोड़ कर दे। साथ ही पूर्व सरकार की दो वर्ष की बाकी बोनस को भी देने का वादा अभी तक वादा ही बनकर रह गया है साथ मे वो बचत बोनस को भी तात्कालिक रूप से दे। कांग्रेस के कई छोटे बड़े नेता केंद्र सरकार के इस फैसले को नाकाफी बता रहे है मैं उनको चुनोती देती हूँ कि लागत निकाल कर बता दे मैं लाभ निकाल कर बतला दूंगी। साथ ही ऐसे नेताओं को सलाह है कि अपने मुख्यमंत्री को बोलकर दिखाए की उक्त बचत राशि को किसानों को जारी करें। अन्यथा किसान हितैषी बनने का ढोंग न करे। आगे उन्होंने कहा कि किसान अब समझदार हो गए है कहाँ सरकार कटौती कर किसानों का हक मार रही है सब समझ चुके है चूंकि अभी सरकार आपकी है इसलिये कुछ बोल नही रहे है लेकिन जब बटन दबाने की बारी आएगी तो सारा हिसाब किताब जनता बराबर कर लेंगी।