भाजपा ने कहा मंजूर नही वर्चुअल बैठक,मुख्यमंत्री बचना चाहते है सामने चर्चा करने से

Bjp team
छत्तीसगढ़ – प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है,उनका एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रत्यक्ष रुप से काेराेना काे लेकर चर्चा करना चाहता है। प्रत्यक्ष बैठक के लिए हमने पहल करके सर्वप्रथम उन्हें पत्र भी भेजा, जिस पर मुख्यमंत्री आमने-सामने की चर्चा से बच रहे है,तभी उन्होंने वर्चुअल चर्चा कराने का उनका ट्वीट आया है, पर यह हमें मंजूर नहीं है। प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सुनील सोनी, विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने पत्रकारों से वर्चुअल चर्चा करते हुए यह बात कही। जिसमे प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा की छत्तीसगढ़ कोरोना महामारी के दूसरे दौर से गुजर रहा है। प्रदेश की स्थिति भयावह है। कोरोना शहर के साथ-साथ अब गांवों में भी फैल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रो में बनाए गए कोविड सेंटर में किसी भी तरह की उचित व्यवस्था नहीं है। प्रदेश में हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं,सैकड़ों लोगो की रोज जान जा रही है।छत्तीसगढ़ भाजपा चाहती थी कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हमारे भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर उनसे उक्त विषय मे बात करें,परन्तु अफसोस है कि मुख्यमंत्री बघेल ने समय नहीं दिया। उनका जवाब ट्वीट के माध्यम से सोशल मीडिया में आया,जो उचित नहीं है। उन्होंने 12 मई को वर्चुअल बैठक के लिए सहमति दी है।जोकि यह हमें मंजूर नहीं है। उक्त संबंध में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, आपदा को अवसर में बदलने का काम छत्तीसगढ़ सरकार करती है। सिरप पीकर नौ लोगों की मौत हो गई और उधर सरकार ने शराब की होम डिलीवरी शुरू करने का फैसला ले लिया। प्रदेश सरकार रेमडेसिविर इंजेक्शन लोगों को नहीं दे सकी, लेकिन अब शराब जरूर देगी।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, कोरोना काल में सरकार का तानाशाही भरा चेहरा सामने आया है। सरकार बहुमत की दादागिरी कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मिलने का समय चाहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के पास मिलने के लिए समय नहीं है। मुख्यमंत्री जब वर्चुअल कांफ्रेंस करते हैं तो अधिकारी आसपास बैठे होते हैं, कोरोना का बहाना कर सरकार अपने दायित्व से भाग रही है। चर्चा से मुंह छिपा रही है। श्री अग्रवाल ने कहा, केंद्र सरकार ने कंपनियों को 34 सौ करोड़ वैक्सीन के लिए एडवांस दिया है। राज्य को तीन करोड़ वैक्सीन चाहिए, क्या सरकार कंपनियों को सौ, पांच सौ करोड़ एडवांस नहीं दे सकती। श्री अग्रवाल ने कहा, सरकार घर-घर शराब पहुंचाने की बजाए घर-घर वैक्सीन पहुंचाने का काम करे तो ज्यादा अच्छा होगा। सांसद सुनील सोनी ने कहा, भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था, लेकिन इतना डरा हुआ, भयभीत मुख्यमंत्री हमने नहीं देखा, जो जवाब देने से बच रहे हैं। इसी राज्य में सरकार ने आंकड़ा जारी कर कहा था कि हम राज्य में हर रोज चार लाख वैक्सीन लगा रहे हैं, लेकिन आज क्यों नहीं लग रहा। सरकार के पास पैसा है, लेकिन खर्च करने की नीयत नहीं है।
अजय चंद्राकर ने कहा, ये असंवेदनशील अलोकतांत्रिक सरकार यह भी नहीं जानती कि विपक्ष के साथ कैसा व्यवहार किया जाए। मुख्यमंत्री प्रत्यक्ष नहीं मिलना चाहते, उनका यह रवैया बताता है कि उनके पास कोरोना से निपटने की कोई योजना नहीं है। श्री चंद्राकर ने कहा कि पांच लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हुए हैं, लेकिन आयुष्मान भारत योजना से सिर्फ पांच हजार लोगों का ही इलाज हुआ है। सरकार आयुष्मान के लिए निर्देश जारी करती है, लेकिन उसका पालन नहीं करा सकती।

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