दुर्ग – भिलाई की महिला के साथ धोखाधड़ी के मामले में आरोपी सिहावा नगरी की कांग्रेस विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने दुर्ग जिला न्यायालय के अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश भानू प्रताप सिंह त्यागी के न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया था। अपर लोक अभियोजक प्रदीप नेमा की ओर से जमानत आवेदन पर आपत्ति लगाई गई थी। सुनवाई के बाद न्यायालय ने अग्रिम जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया है।
आपको बता दे कि भिलाई सेक्टर-7 निवासी पूर्णिमा ठाकुर के परिवाद पर न्यायालय द्वारा विधायक लक्ष्मी ध्रुव के खिलाफ धारा 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था। जिसके बाद इस मामले में विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने दुर्ग न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत के लिएअपना आवेदन लगाया था। जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया है।
विधायक के ऊपर दर्ज प्रकरण के मुताबिक आरोपित लक्ष्मी ध्रुव गर्व इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट आफ सोसायटी में वर्ष 2010 से 2018 तक अध्यक्ष पद पर पदस्थ थीं। परिवादिनी पूर्णिमा ठाकुर और आरोपित विधायक दोनों प्रगति महिला गोंडवाना समाज के सदस्य होने के नाते मीटिंग समारोह और अन्य उत्सव में मिलते थे। जिस कारण से उनके बीच अच्छी जान पहचान हो गयी थी। लक्ष्मी ध्रुव ने प्रार्थी महिला से 23 लाख 25 हजार रुपये विभिन्ना चेक और नगद के माध्यम से प्राप्त किया था।
दरअसल प्रकरण के मुताबिक आरोपी ने प्रार्थी को झूठा आश्वासन दिया कि उक्त रकम उनके संस्था में लाभांश के लिए और परिवादिनी को सदस्य बनाने के लिए उनसे ली जा रही है। ऐसा प्रोत्साहित कर झूठा वादा कर परिवादिनी से उक्त रकम प्राप्त कर ली। वर्ष 2013 में आरोपित ने परिवादिनी को संस्था की आर्थिक स्थिति लचर होना बताते हुए कार्य से निकाल दिया। वही आरोपी उसे एजुकेशन सोसायटी का डायरेक्टर बनाने का भी झांसा दिया था।