रायपुर – अग्निपथ योजना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सवाल , कहा कि सरकार के पास देश की सुरक्षा करने वालो के लिए भी पैसे नही है ।

अग्निपथ योजना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सवाल

इन दिनों देश भर में सरकार द्वारा लाये गए अग्निपथ योजना को लेकर विरोध हो रहा है , युवा इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन भी कर रहे है है इस योजना जी लेकर लोगों के अलग अलग विचार है ।

आखिर क्या है अग्निपथ योजना

अग्निपथ योजना के मुताबिक इंडियन आर्मी , जल सेना और वायु सेना  में युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘ अग्निवीर ‘ कहा जाएगा । इस योजना के तहत अब आर्मी में सैनिक ( जवान ) , नेवी में नाविक और एयरफोर्स में एयरमैन की भर्ती होगी ,  4 साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को वापस भेज दिया जाएगा । शेष 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी जवान बनाया जाएगा जो आगे देश की सेवा करेंगे ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अग्निवीर को लेकर सवाल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अग्निपथ योजना और अग्निवीर भर्ती को लेकर विरोध जाहिर किया है उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही सरकारी संपत्तियों को बेच चुकी है 2 साल से वैसे भी जवानों की भर्ती नही हो रही है और अब क्या इनके पास सेना में लोगो की भर्ती के लिए भी पैसे नहीं हैं जो देश की सुरक्षा करते है सरकार के पास उनके लिए भी पैसे नही है , ये देश की सुरक्षा एवं देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है , मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार को श्वेत पत्र जारी करके बताना होगा कि ऐसी परिस्थिति क्यों आई ।

नक्सली गतिविधियां बढ़ने का अंदेशा ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ये जवाब दे कि सेना में पूर्णकालिक भर्ती क्यों नही की जा रही है , इसमें क्या तकलीफ है एवं पूर्णकालिक भर्ती हमारी मांग है । उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आखिरकार नक्सलियो को किन लोगों ने ट्रेनिंग दी , हजारों बच्चों के पास काम नही होगा और वो गुमराह हो गए तो उस गांव और प्रदेश की स्थिति क्या होगी । मुख्यमंत्री ने कहा जवान 20 साल बाद मैच्योर हो जाता है , उसमे समझ आ जाती है लेकिन जब जवान बेरोजगार हो जाएंगे तो उनके में मैच्यूरिटी नही रहेगी इस प्रकार करना ठीक नहीं ।

बंदूक चलाना सीख जाएंगे जवान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा कि चार साल बाद जब जवान वापस आएंगे तो क्या सभी जवानों को पुलिस की नौकरी मिलेगी , दोनों की ट्रेनिंग अलग होती है क्योंकि पुलिस लॉ ऑर्डर पर काम करती है और सेना दुश्मन को खत्म करने का काम करती है दोनों को जोड़ा नही जा सकता । पुलिस आंदोलनकारियों को बातचीत से समझाती है , सेना वो नहीं करती । जो सेना से बेरोजगार होकर लौटेगा उसे तो बंदकू चलाना आ जाएगा , ये समाज को किस दिशा में ले जा रहे हैं , ऐसे लोगों पर तो गिरोह बनाकर आपराधिक घटना में शामिल होने की आशंका भी हो सकती है ।

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