अहिवारा:- अहिवारा नगर पालिका में नगर पालिका के ‘जादुई’ ट्रैक्टर का माहौल काफी गर्म है। गौरतलब है कि इस मुद्दे को लेकर दुर्ग कलेक्टर व SDM तक शिकायत गयी थी। इस लिए पालिका CMO ने तड़फड़ कार्यवाही करते हुए पालिका के वाहन इंचार्ज को निलंबित कर दिया है। बड़े लोगो को बचाने और भाजपा ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही न होने के कारण, किसी 1 को आगे कर उसे निलंबित करने की कार्यवाही को लेकर अब लोगो मे धीरे-धीरे विरोध के स्वर भी तेज होने लगे है। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेस नेता भोजेंद्र वर्मा का एक वीडियो वायरल हो रहा है वीडियो तब का है जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर का दुरुपयोग करते भाजपा नेता के भाई को पकड़ा था। इस वीडियो में वह सीधे आरोप लगाते हुए मीडिया वालों से बात करते हुए कहते है कि भाजपा नेता और पालिका अध्यक्ष नटवर ताम्रकार और उनके करीबी निर्मेश मिश्रा जुताई शुरू होते ही ट्रैक्टर से अपने खेत मे जुताई करवा रहे थे। इसके पूर्व के जुताई के सीजन में भी इस ट्रेक्टर से उनके खेतो में जुताई करवाई गई है। इस ट्रेक्टर का उपयोग वह अपने निजी कार्य मे ला रहे थे। और शासन को आर्थिक चुना लगा रहे थे।
देखे यह वायरल वीडियो जब, मौके पर भाजपा नेता के खेत मे मिली थी ट्रेक्टर…
क्या बड़े लोगो को बचाया जा रहा है ? कई बड़े खुलासे हो सकते है…
विपक्षी नेताओ के बयान के आधार पर मामले को पर्दे से ढका गया है। गौरतलब यह है कि वाहन प्रभारी काफी सालो से अपनी जवाबदेही निभाते आ रहे है। तो ट्रेक्टर को पालिका से बाहर ले जाने के लिए उसे किसका निर्देश होगा या किसी बड़े नेता का दबाव? उन पर होगा यह जानने वाली बात है। सूत्रों से बताया जा रहा है की सरकारी सम्पति ट्रैक्टर का RTO रजिस्ट्रेशन भी सालो से नही किया गया है। तो क्या जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ाया जा रहा है। पालिका के जवाबदार अधिकारी इतने लापरवाह है। जिन्होंने इस और ध्यान नही दिया है। खबर लिखे जाने तक ट्रैक्टर अभी नंदिनी थाने में खड़ी है।
एक जनप्रतिनिधी ने नाम न छापने के तर्ज पर हमे बताया कि पालिका में भ्रष्टाचार चरम पर है इसमें जनप्रतिनिधियों से लेकर पालिका के अधिकारी सब मीले हुए है। अगर पालिका में उच्च अधिकारियों की जांच बैठा दी जाए तो करोड़ो के भ्रष्टाचार के मामले उजागर होंगे और कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।
कुछ समय पहले ही परिवार-वाद और खुद ठेकेदार बने जनप्रतिनिधि, और टेंडर को लेकर विवादो में रहा है अहिवारा नगर-पालिका
सूत्रों के हवाले से बता दे कि यहाँ कई ऐसे कार्य है जिसका बिना टेंडर निकाले ही उनके रिश्तेदार या मित्र ठेकेदारों को कार्य दे दिए जाते है। और तो और कई ऐसे कार्य ऐसे है जो पहले ही पूर्ण हो चुके है उसके भी वापस से वर्क ऑर्डर निकाल दिया जाता है। और पार्षद के भाई-बंधु, या कुछ ठेकेदार बने पार्षद ही अपने पार्टनर के जरिये खुद ही निर्माण कार्य में लग जाते है। घटिया निर्माण कार्य का भी किसी प्रकार की जांच नही की जाती है, पालिका के इंजीनियर द्वारा किसी भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच नही की जाती है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है वार्ड नं 02 के संतोषी मंदिर के पास बने रोड का आपको बता दे पूर्व में भी यह रोड बनी थी। और अच्छी खासी सड़क थी जिसमे में दोबारा से थूक-पॉलिश का लाखो रुपये का कार्य किया गया है, जिसका नतीजा यह रहा है कि रोड में अभी से गड्ढे नज़र आने लगे है। साथ सीसी रोड की रेत अभी से उखड़ते दिख रही है। इसी तरह वार्ड क्रमांक 06 में बने रोड का भी यही हाल है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अहिवारा नगर पालिका में कुछ माह पूर्व ही एक पूर्ण हो चुके निर्माण कार्य का दोबारा से वर्क आर्डर जारी करने और पार्षद के भाई को काम देने जैसे नियमविरुद्ध कार्य का उनके ही पार्टी के भाजपा पार्षद ने जनता और सरकार के पैसे का दुरुपयोग करने को लेकर करके विरोध किया था। पर एक ही पार्टी की बात होने के कारण यह मामला दब गया।
क्या पालिका अध्यक्ष और ठेकेदार मित्र के ऊपर कोई कार्यवाही होगी…
ट्रैक्टर के दुरुपयोग के लिए सीएमओ ने तो कर्मचारी को निलंबित कर दिया है। अब देखना यह है कि नगर पालिका अधिकारी क्या पालिका अध्यक्ष और उनके मित्र ठेकेदार के ऊपर सरकारी संपत्ति के निजी प्रयोग कर शासन को चंपत लगाने के लिए कोई ठोस कार्यवाही करेंगे? या फिर हर बार की तरह अपनी ख़ामोशी दिखा कर के उन्हें मौन समर्थन देंगे।