राजनादगांव – पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव का अभियान चल रहा है। और इसी क्रम में लोग बड़े गर्व से झंडा फहरा रहे हैं। वही ऐसे में झंडा फहराने को लेकर कई बार गलतियां भी नजर आ रही है। और ऐसी गलती कोई जनप्रतिनिधि करे तो उस पर सवाल उठने तो तय है। दरअसल ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव से आया है। कावड़ यात्रा में राजनांदगांव की महापौर हेमा देशमुख ने भूलवस उल्टा झंडा फहरा दिया। हालांकि उन्होंने इसे मानवीय भूल मानते हुए माफी भी मांग ली है , लेकिन भाजपा इस मामले में मेयर के ऊपर कार्रवाई करने पर अड़ी है।
महापौर हेमा देशमुख पर FIR करने की मांग
भाजपा ने महापौर हेमा देशमुख के द्वारा सार्वजनिक रुप से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा उल्टा लहराने के मामले में कोतवाली थाने में अपराध दर्ज करने के लिए सोमवार को शिकायत सौंपा है । राजनादगांव नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने अपने बयान में कहा कि महापौर का यह कृत्य राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। उनके खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज संहिता के तहत तत्काल मामला दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्या कांग्रेस महापौर के खिलाफ FIR दर्ज करवाएगी ?
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा ने महापौर द्वारा कांवर यात्रा में सार्वजनिक तौर पर उल्टा तिरंगा झंडा लेकर शामिल होने की कड़ी निंदा की है। अपने बयान में शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सरकार केवल द्वेष की भावना से ही भाजपा के कार्यकर्ताओं के उपर कारवाई कर रही है।
इस घटना की जितनी भी निंदा करी जाए वो कम है। राष्ट्रीय ध्वज को लेकर कांग्रेस संवेदनशील नहीं है और केवल इस पर राजनीति कर रही है। वही आगे सवाल करते हुए कहा कि धमतरी के मामले में कांग्रेस द्वेष की राजनीति करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज करा चुकी है। क्या अब कांग्रेस के नेता अपने ही पार्टी के महापौर के खिलाफ FIR दर्ज करवाएगी?
कांग्रेस ने धमतरी के भाजपा जिलाध्यक्ष पर पुलिस में मामला दर्ज करवाया है तो अब राजनांदगांव के महापौर हेमा देशमुख के उपर भी तत्काल अपराधिक मामला दर्ज करे नहीं तो भाजपा उग्र आंदोलन करेगी और न्यायालय का सहारा लेगी।
महापौर हेमा देशमुख खेद व्यक्त किया
उल्टे तिरंगे वाली तस्वीर के सोशल मीडिया में वायरल होने पर राजनांदगांव महापौर हेमा देशमुख ने खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उल्टा तिरंगा झंडा देने वाले की मानवीय भूल और धार्मिक कांवड यात्रा में जल्दबाजी मे मुझ से भी यथास्थिति में बिना देखे तिरंगा हाथ में लेकर लहराना भी एक मानवीय भूल है जिसे स्वीकार करने मे कोई छोटापन नहीं है। और झंडा देने वाले की और न हीं झंडा लेने वाले की मंशा अपमान करने की रही होगी। इस मानवीय त्रुटि के लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करती हूं।