छत्तीसगढ़- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE ने 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ में भी इस साल फिर से लड़कियों ने बाजी मारी है। छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक अंक पाकर बिलासपुर की शुभी शर्मा ने 99.4 प्रतिशत हासिल किये है तो वही रायपुर की शांभवी शर्मा ने 98.16 प्रतिशत और पाखी दुबे ने 98.6% अंक हासिल कर छत्तीसगढ़ में टॉप किया है।
शुभी शर्मा बिलासपुर के दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) की छात्रा हैं। उन्होंने कुल 500 में से 497 अंक प्राप्त करे हैं। उन्होंने आर्ट्स सब्जेक्ट में यह उपलब्धि हासिल कि है। शुभी हमेशा से ही एक बेहतरीन स्टूडेंट रही हैं। उन्होंने 10वीं में भी 98.3 अंक हासिल किया था। अब 12वीं में भी उन्हें 99.4 प्रतिशत अंक मिले हैं।
वहीं रायपुर की शांभवी शर्मा केपीएस स्कूल में 12वीं कक्षा की कला संकाय में हुमैनिटीज विषय की छात्रा है। रिजल्ट जारी होने के बाद जब शांभवी अपने पैरेंट्स के साथ स्कूल पहुंची तो लोगों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। शांभवी के साथ ही केपीएस में कई होनहारों छात्रों ने 97 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। पांखी दुबे ने 98.6 प्रतिशत के साथ प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। प्रतीक त्रिपाठी ने 97 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है।
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NCERT कोर्स ने दिलाई सफलता : शुभी शर्मा (99.4%)
बिलासपुर की शुभी शर्मा के पिता एसईसीएल में अफसर हैं। शुभी बताती हैं कि रोज पढ़ना जरूरी है। मैंने घंटे तो काउंट नहीं किए, लेकिन पिछले साल के प्रश्न बैंक को खत्म किया, NCERT से पढ़ाई की। शुभी ने बताया कि सीबीएसई में सबसे जरूरी है NCERT, इसके माध्यम से ही मुझे सफलता मिली है। आगे जाकर शुभी ऑफिसर बनना चाहती हैं। उन्होंने अभी से इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाली हैं। शुभी ने यह भी बताया कि उनकी मां भी वर्किंग थीं, लेकिन उनकी पढ़ाई की वजह से उन्होंने पिछले एक साल से ब्रेक ले रखा है।
विदाउट टारगेट ग्रुप स्टडी पर रखा जोर : शांभवी शर्मा (98.16%)
रायपुर में सबसे ज्यादा अंक शांभवी शर्मा को मिले हैं, वह केपीएस रायपुर की छात्रा हैं। शाम्भवी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। शाम्भवी ने बताया कि उन्होंने 12th की पढ़ाई पूरे डेडिकेशन के साथ की। इसके साथ ही कभी भी फ्रेंड्स के साथ घूमना और मस्ती करना नहीं छोड़ा। हंसते, खेलते पढ़ाई करते ही उसने 12th में 99% ले आई। शाम्भवी ने कहा कि उनका कोई टारगेट नहीं था। टारगेट होता तो स्ट्रेस लेतीए कोविड के टाइम ऑनलाइन क्लास पूरा अटेंड किया। फ्रेंड्स के साथ ग्रुप स्टडी करती थीए सेल्फ स्टडी से ज्यादा ग्रुप स्टडी पर जोर दिया। शाम्भवी के पेरेंट्स इस नतीजे से काफी खुश हैं, प्राउड फील कर रहे हैं। पेरेंट्स ने बताया कि उन्होंने कभी भी अपनी बेटी को पढ़ने के लिएजोर नहीं दिया। बच्चे जैसा चाहते हैं वैसा किया। शाम्भवी आगे जर्नलिज्म मास कम्युनिकेशन करना चाहती हैं और शाम्भवी के पापा की इच्छा है कि वो IAS की तैयारी करें पर पैरेंट्स अपने बच्चों की खुशी में खुश हैं।
पापा से मिला CA बनने का मोटिवेशन और कंबाइन स्टडी से मिली सफलता – पाखी दुबे (98.6%)
पाखी दुबे रायपुर दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। उन्होंने कॉमर्स सब्जेक्ट में 98.6 प्रतिशत अंक हासिल किेए हैं। उनकी छोटी बहन पीहू दुबे ने भी 96.8 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। पीहू भी कॉमर्स की छात्रा हैं। पाखी ने बताया कि वह आगे जाकर CA बनना चाहती हैं। पाप भी CA हैं, इसलिए उनसे ही मोटिवेशन मिला है।
पाखी ने आगे बताया कि हम दोनों ही बहनें कंबाइन स्टडी करते थे। खुद से पढ़ते थे, टीचरों का काफी योगदान था। रोज 5 घंटे के आस-पास पढ़ाई करते थे। सबसे ज्यादा फायदा कंबाइन स्टडी का मिला। इसके अलावा रोज पढ़ना भी सबसे जरूरी है, जिसके चलते हमें सफलता मिली है।
पापा टेलर बेटे ने किया कमाल , माता पिता ने काफी सपोर्ट किया – पवन रामनानी (97.40%)
पवन कुमार रामनानी केपीएस डुंडा रायपुर के छात्र हैं। उन्होंने मैथ्स सब्जेक्ट में 97.40 प्रतिशत अंक हासिल किया हैं। पवन ने बताया कि उनके पिता टेलर हैं, मां टीचर हैं। पवन कहते हैं कि उनके आगे बढ़ने के लिए उनके माता-पिता ने काफी सपोर्ट किया। उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया जिसके चलते मुझे सक्सेस मिला। पवन ने बताया कि मैंने भी NCERT से तैयारी की थी, घर पर ही रोज मॉक टेस्ट देता था। इससे ये फायदा हुआ कि जब एग्जाम हुआ तो उतना डर नहीं लगा।
पवन ने बताया कि वह आगे चलकर बीटेक करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने अभी JEE की परीक्षा दी थी, अब सेकेंड अटेंप्ट की तैयारी कर रहे हैं। कोशिश है कि कोई बड़ा संस्थान मिले, जिससे आगे की पढ़ाई की जा सके।
टाइम टेबल भी जरूरी और खुद पर भरोसा रखा – वाणी चरपे (97.2%)
वाणी चरपे भी केपीएस डुंडा की छात्रा हैं। उन्होंने 97.2 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। वाणी मैथ्स सब्जेक्ट की छात्रा हैं। वाणी बताती हैं कि रोजाना पढ़ना जरूरी है, वह रोज 3 घंटे पढ़ती हैं। टाइम टेबल भी सबसे जरूरी बात है। उन्होंने बताया कि कई बार मुझे लगा कि सब कुछ खत्म और कुछ नहीं हो पाएगा। मगर ऐसा नहीं है, मैंने मेहनत की और अब सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि खुद पर आप भरोसा रखिए, सेल्फ स्टडी करते रहिए। वाणी आगे चलकर कंप्यूटर साइंस में इंजीयनरिंग करना चाहती हैं। वाणी के पिता भी मंत्रालय में प्रोग्रामर हैंं, मां सरकारी स्टूल में टीचर हैं।