दुर्ग – जिले में वृक्षारोपण का दायरा बढ़ाने के लिए पोषण युक्त बीज उपलब्ध कराने सामाजिक संस्था दिशा आगे आई है। दिशा संस्था द्वारा खाद, मिट्टी एवं फलों के बीज की गेंद तैयार की है। यह बीज रोपने से पौधे को खाद का पोषण स्वतः हो सकेगा। संस्था यह गेंद शासकीय कार्यलयों को पौधरोपण हेतु उपलब्ध कराएगी। सूरज अपनी किरणों को फैलाने में किसी तरह का पक्षपात् नहीं करता और पेड़ भी वायुमंडल में आॅक्सीजन सभी को मुहैया कराते हैं। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने अचानक ही हमें प्रकृति के महत्व को इतने करीब से समझा दिया। शासन की गोधन न्याय योजना से बनने वाले खाद ने ‘‘छत्तीसगढ़ उड़ान नई दिशा संस्था’’ की महिलाओं को प्रकृति के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान किया है। संस्था की महिलाओं ने योजना से प्राप्त खाद से इस संकट का विकल्प तैयार किया है।
’’गोधन न्याय योजना’’ के अंतर्गत बनने वाले खाद, मिट्टी एवं फलों के बीजों का उपयोग कर महिलाओं ने गेंद रूपी संरचना तैयार की है, जिसे उन्होंने प्राकृतिक गेंद का नाम दिया है। इस प्राकृतिक गेंद को वे सभी सामाजिक संगठनों एवं सरकारी कार्यालयों में वितरण करेंगी और उनसे अनुरोध करेंगी कि बारिश में इन गेंदों का उपयोग कर नए पेड़ों का निर्माण करें। संस्था की अध्यक्ष निधि चंद्राकर ने बताया जैसे ही संस्थान के सदस्यों ने यह विचार उनके समक्ष् रखा उन्होंने तुरंत इसके लिए सहमति दे दी। प्राकृतिक गेंद केवल फलों के बीज का उपयोग किया गया है। ताकि आने वाले समय में बीजों से बनने वाले पेड़ मनुष्य, पशु एवं पक्षी सभी को लाभ पहुंचा सके।