रायपुर – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली , एवं राज्य के वरिष्ठ डॉक्टरों की समीक्षा के बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा नया प्रोटोकॉल जारी किया गया है जिसके अंतर्गत
रेमेडीसीवीर , टोसिलीजुनाब एवं प्लाज़्मा थेरेपी का इस्तेमाल केवल अस्पताल में किया जाएगा । इन दवाओं को प्रिस्क्राइब करने वाले डॉक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह मरीज की आवश्यकता का आंकलन कर ले तथा यह भी ध्यान रखे की मरीज को कोई गंभीर बीमारी जैसे किडनी रोग , हृदय रोग , कैंसर तो नही है। यह दवाएँ अभी प्रायोगिक दवाएँ है तथा इन दवाईयों को देने के पूर्व मरीज के परिवार जनों को पूरी बात बताकर सहमति पत्र लेना जरूरी होगा। इन दवाइयों पर अब राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा ऑडिट की जाएगी एवं बिना कारण इन दवाइयों को प्रिस्क्राइब करने वाले डॉक्टरों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
बिस्तर मौजूद होने पर मना करना अब अस्पतालों को पड़ेगा भारी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर , द्वारा 5 अलग अलग दल बनाये जाएंगे , ये दल अस्पतालों में भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेंगें की बेड होने के बावजूद किसी मरीज को भर्ती से वंचित तो नही किया जा रहा है अगर ऐसी स्थिति प्राप्त होती है तो उस अस्पताल पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।