रायपुर- अपनी कुर्सी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे, पत्थर खनन आवंटन के मामले में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस का सामना कर रहे झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अब महागठबंधन के विधायकों में सेंधमारी होने का डर सता रहा है।
दरअसल महाराष्ट्र में हाल ही में हुई शिवसेना पार्टी की टूट से सबक लेते हुए अब महागठबंधन के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक प्राइवेट होटल में ले जाने का फैसला लिया गया है।
आपको बता दे कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) ने केंद्र की भाजपा सरकार पर एक बार फिर से बड़ा हमला बोला है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि केंद्र की सरकार देश के आधे से ज्यादा राज्यों की सरकारों को गिराने की साजिशों में लगी हुई है। ऐसे में पता नहीं इस देश का भविष्य क्या होगा? साथ ही कहा कि आज जब देश वैश्विक महामारी से उबरने की कोशिश कर ही रहा है, तब उनका फोकस आम जनता, मजदूर, किसान, नौजवान पर ना होकर सरकार बिगाड़ो-बनाओ और बेचो-खरीदो जैसे काम पर है। इन व्यापारियों का खरीद-फरोख्त के सिवा कोई दूसरा काम ही नहीं है। पर हम इन व्यापारियों को जवाब देंगे, देश की जनता उन्हें जवाब देगी, उनकी हर करतूत पर देश की नजर है।
क्या कांग्रेस लगायेगी पार?
दरअसल महागठबंधन सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस ही आगे आकर सरकार को बचाने में लगी है। वही मुख्यमंत्री हेमंत भी कांग्रेस पर भरोसा बनाये हुए जिस कारण से उन्होंने सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ लाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार है। जहां पर झारखंड के विधायकों को सेंधमारी करने से बचाया जा सकता है। अब देखने वाली बात है कि सरकार बने रहेगी या नही। फ़िलहाल पलड़ा अभी भी हेमंत सोरेन का ही भारी है पर राजनीति में किसी भी प्रकार का कयास लगाना सही नही है। स्थिति कब बदल जाये कहा नही जा सकता है।