राजनीति : राज्यसभा को लेकर दुर्ग जिले में मचे तूफान के पीछे साजिश का अंदेशा , क्या सच में तुलसी साहू का नाम था या फैलाई गई थी अफवाह

(सतीश पारख) भिलाई- राज्यसभा चुनाव को लेकर जिले की राजनीति में अचानक तूफान उठा , और उसी दिन दो घंटे बाद थम भी गया। इस राजनीतिक तूफान के पीछे अब राजनीतिक साजिश का अंदेशा जताया जा रहा है। किसी को समझ नहीं आ रहा है कि राज्यसभा सदस्य के लिए सच में तुलसी साहू के नाम की चर्चा थी , यह फिर किसी ने अफवाह फैला दी थी। पूरे शहर भर के कांग्रेसी इस गणित को समझने में लगे हैंं।

बता देंं कि राज्यसभा के लिए छत्तीसगढ़ से दो सदस्य चुनकर जाने थे। कांग्रेस हाइकमान ने अंत में राजीव शुक्ला व रंजीत रंजन का नाम फायनल कर दिया था। यह नाम नामांकन के एक दिन पहले रविवार देर रात फायनल किया गया। उससे पहले दुर्ग जिले में कुछ और कहानी रच दी गई थी। यहां तक भिलाई शहर जिला कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष तुलसी साहू ने भी कहा था कि उन्हें सोमवार की शाम रायपुर बुलाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने उन्हें स्वयं फोन किया था।

अचानक आए इस नाम से जिले की राजनीति में मच गई थी खलबली


रविवार की शाम तुलसी साहू का नाम अचानक सुर्खियों में आया। इंटरनेट मीडिया ने बिना तथ्यों को समझे इसे जमकर वायरल किया। नतीजा पूरे जिले की राजनीति में खलबली मच गई। हालांकि तुलसी साहू जिला कांग्रेस के लिए कोई नया नाम नहीं है, पर यकायक राज्यसभा के लिए नाम की चर्चा ने उनके विरोधी खेमों को जरुर चिंंता में डाल दिया था। वहीं समर्थक उन्हें लगातार बधाई दे रहे थे। हालांकि तुलसी साहू ने चर्चा के दौरान स्पष्ट रुप से यह नहीं कहा था कि उनका नाम तय हो गया है, उन्होंने यह जरुर कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने उन्हें सोमवार शाम रायपुर बुलाया , रायपुर किस लिए बुलाया गया था यह भी स्पष्ट नहीं था।

राजनीतिक साजिश का अंदेशा


दो घंटे तक तुलसी साहू का नाम इंटरनेट मीडिया में छाया रहा है। रात 10 बजे तक लोग यही मानकर चल रहे थे कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है। हुआ भी यही रविवार रात 10 बजे के बाद यह खबर आने लगी कि कांग्रेस हाइकमान ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए राजीव शुक्ला व रंजीत रंजन का नाम तय कर दिया है। अब दुर्ग जिले की राजनीति में रविवार शाम को मची खलबली के पीछे किसी साजिश का अंदेशा जताया जा रहा है।

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