दिल्ली- भारतीय चुनाव आयोग ने देश में 16वें राष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है । मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक 18 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा । वहीं इस चुनाव के लिए 15 जून को अधिसूचना जारी होगी । 29 जून को नॉमिनेशन की आखिरी तारीख रहेगी। जिसके बाद मतदान 18 जुलाई को होगा और इसकी मतगणना 21 जुलाई को होगी ।
आप सभी को बता दे कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने वाला है और अगले राष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों का ऐलान इसी को ध्यान में रखते हुए किया गया है । राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दिल्ली में ही करना पड़ेगा दिल्ली के अलावा कहीं और जगह नॉमिनेशन नहीं होगा । चुनाव आयोग के मुताबिक 16वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव की प्रक्रिया 24 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी ।
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक नामित सदस्य (लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की असेंबली) वोटिंग के पार्ट का हिस्सा नहीं हैं । वोट देने के लिए आयोग अपनी तरफ से पेन देगा , जोकि मतपत्र को सौंपते वक्त दिया जाएगा । इसी पेन से ही वोट डाला जाएगा । अन्य किसी पेन से वोट डालने पर मत को अवैध करार दिया जाएगा । निष्पक्ष चुनाव के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह पूर्णत: सीक्रेट बैलेट है । पेन की व्यवस्था है , वीडियोग्राफी की भी व्यवस्था की गई है ।
राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के लिए बतानी होगी पसंद
मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक मतदान संसद और विधानसभा में होंगे । वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर अपनी पसंद बतानी होगी , आयोग के अनुसार पहली पसंद न बताने पर वोट खारिज हो जाएगा । चुनावों के दौरान कोविड नियमों का पालन किया जाएगा । मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक नॉमिनेशन के लिए दिल्ली आना होगा । राज्यसभा के महासचिव इस चुनाव के प्रभारी होंगे , मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव 2022 में कुल 4,809 मतदाता मतदान करेंगे। कोई भी राजनीतिक दल अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकता ।
जानिए किस तरह होता है राष्ट्रपति का चुनाव
राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है । चुनावी कॉलेज में राज्यसभा या लोकसभा या विधानसभाओं के नामांकित सदस्य मतदान करने के योग्य नहीं होते हैं और वे चुनाव में किसी भी तरह से भाग नहीं लेते हैं । इसी तरह विधान परिषदों के नामित सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं के तौर पर शामिल नहीं होते हैं ।