राज्यसभा चुनाव : नतीजो से क्या असर पड़ेगा छत्तीसगढ़ की राजनीति में ? जाने दो दिग्गज नेताओं में कौन रहा हाईकमान की नजरों में खरा

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़- देश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सभी की निगाहें ठहरी थी । और राज्यसभा का चुनाव छत्तीसगढ़ के लिए काफी खास था , और हो भी क्यो न क्योंकि देश के 2 राज्यों की जवाबदारी कांग्रेस आलाकमान ने छत्तीसगढ़ के दो सीनियर नेताओं को सौंपी थी । जिसमे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हरियाणा का पर्यवेक्षक बनाया गया था तो वही छत्तीसगढ़ कैबिनेट में स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव (बाबा) को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया गया था । अब ऐसे में राज्यसभा चुनाव दोनों के लिए अपनी साख को बचाने वाला था । क्योंकि कुछ समय पहले तक ढाई – ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी ।

जानिए राज्यसभा में किसने मारी बाजी , और कौन पहुचा राज्यसभा की दहलीज पर

देश मे राज्यसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं जिसमें राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस की पार्टी ने 4 में से 3 सीटें अपनी झोली में डाल जीत दर्ज करी हैं , जबकि भारतीय जनता पार्टी को जोर आजमाइश के बाद सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा है । बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा है । राजस्थान से कांग्रेस के तीनों प्रत्याशी प्रमोद तिवारी , रणदीप सुरजेवाला और मुकुल वासनिक ने जीत दर्ज करी है , जबकि बीजेपी के पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ही राज्यसभा की दहलीज तक पहुंच सके है ।

हरियाणा में बिगड़ा सियासी खेल जानिए किसे हुआ नुकसान और किसकी साख पर बात बन आयी

आपको बता दे हरियाणा की 2 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव थे । जिसमे कयास लगाए जा रहे थे कि इनमे से एक सीट पर भाजपा तो दूसरी पर कांग्रेस की जीत लगभग तय है । पर सियासी दाव यही पर खेल कर गया निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा ने उलटफेर करते हुए कांग्रेस पार्टी को चारों खाने चित कर दिया । जिससे हरियाणा में कांग्रेस को जोर का झटका लगा और पार्टी के उम्मीदवार और जाने माने नेता अजय माकन को बहुत ही करीब के अंतराल से हार का सामना करना पड़ा है । हरियाणा में बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार तो वहीं निर्दलीय स्वतंत्रत प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा ने जीत दर्ज करी है ।

अब जानिए कौन हुआ अपनी साख बचाने में कामयाब

राज्यसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ के मंत्री व सीनियर नेता टीएस सिंहदेव राजस्थान में अपनी साख बचाने में कामयाब रहे । वही जबकि हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुछ खास कमाल नहीं कर पाए , ऐसे में अब राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या कांग्रेस हाईकमान आने वाले दिनों में इन चुनाव परिणामों को ध्यान में रखते हुए क्या इन दोनों नेताओं को लेकर कोई बड़ा निर्णय लेगा ? या इसे फिर एक सामान्य प्रक्रिया के तौर पर देखा जाएगा ।

जानिए किस उम्मीद से हाईकमान ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दी थी जिम्मेदारी

आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि हाईकमान ने हरियाणा में क्रॉस वोटिंग की संभावना को देखते हुए अपने विधायकों को छतीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेजा था । लेकिन वही 2 मई को हरियाणा कांग्रेस के 31 में से महज 28 विधायक ही राजधानी रायपुर पहुंचे थे । इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हो सकती है। हालांकि इन सब के विपरीत कांग्रेस लगातार दावा करती रही कि क्रॉस वोटिंग नहीं होगी । और हरियाणा के इन विधायकों को संभालने की जवाबदारी कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी थी । वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया था कि जो विधायक रायपुर में हैं और जो नहीं पहुंचे हैं वे सभी हमारे साथ हैं । और कांग्रेस के उम्मीदवार की राज्यसभा चुनाव में जीत जरूर होगी , लेकिन चुनाव परिणाम इसके विपरीत रहा।

जानिए कौन हारा चुनाव और कौन जवाबदारी निभाने में रहा सफल

कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन हार गए है उन्हें हरियाणा से राज्यसभा के प्रत्याशी बनाया गया था । ऐसे में कहा जा सकता है कि क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चक्रव्यू को विपक्षी पार्टी ने तोड़ दिया । वहीं राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की कमान संभाल रहे टीएस सिंहदेव अपनी जवाबदारी निभाने में कामयाब रहे ।

अब ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या आने वाले समय में पार्टी हाईकमान इन चुनाव परिणाम को देखते हुए दोनों के भविष्य का निर्णय लेगी ।

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