दो मुँह वाला सांप : छत्तीसगढ़ में मिला दुर्लभ दो मुँह वाला सांप , देखने के लिए उमड़ी भीड़ आप भी देखे वीडियो

दो मुँह वाला सांप : छत्तीसगढ़ में मिला  दुर्लभ दो मुँह वाला सांप , देखने के लिए उमड़ी भीड़

छत्तीसगढ़- जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा क्षेत्र के ग्राम शनिचरीडीह में कौतूहल का विषय बन गया जब यहा एक दो मुंह चांर आंख वाला दुर्लभ सांप पाया गया है, जिसको देखने के लिए ग्रामीणों की भार भीड़ उमड़ने लगी वही ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा सांप उन्होंने अपने जीवन मे पहली बार देखा है।

फिलहाल इस दुर्लभ सांप कोग्रामीणों ने जंगल में छोड़ दिया है

गुरुवार की सुबह 10 बजे ग्राम शनिचरीडीह के ग्रामीणों को गांव के परदेशी कंवर के घर के आंगन में दो मुंह वाले सांप के निकलने की खबर मिली जैसे ही यह खबर लोगो पता चला तो हर कोई जिज्ञासा और भावना वश परदेशी के घर में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई । वही ग्रामीणों ने अपनी श्रद्धा जताते हुए पैसे चढ़ाए और अगरबत्ती भी जलाई , जिसके बाद शुक्रवार की सुबह उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है । वही इस सांप को लेकर पर्यावरणविदों की मानें तो दो मुंह वाला सांप काफी दुर्लभ होता है । यह सांप काफी धीरे-धीरे चलता है, जिसकी वजह से इसका जीवन काल खतरे में होता है। इसका कभी भी शिकार होने का खतरा हमेशा बना रहता है।

इस प्रकार का सांप लाखों में एक होता है

सर्प विशेषज्ञों की मानें तो दो मुंह वाला सांप लाखों में एक होता है । इसका दो मुंहा होना गर्भ के दौरान ही विशेष परिस्थितियों में निर्धारित होता है। अपको बता दे दो मुंह वाले ऐसे सांपों का जीवन काल बहुत अल्प होता है। ऐसे सांपों को दोनों मुंह से ही खाना खाना पड़ता है । मगर पेट एक ही होता है, ऐसे में ये सांप ज्यादा वक्त तक जिंदा नहीं रह पातेे हैं। दो मुंह वाला सांप तभी हो सकता है जब एक इंडिविजुअल अंडा फजिर्टलाईज्ड हो जाता है और जुड़वा होने के लिए अलग होना शुरू हो जाता है लेकिन वह पूरी तरह से अलग नहीं हो पाता।

जानिए किस प्रजाति का है सांप और पाया जाता है ये सांप

इसके जानकार बता रहे है कि यह सांप रेड सैंड बोआ सांप है। यह रेड सैंड बोआ सांप रेतीले इलाके में पाया जाता है । भारत के मरुस्थलीय इलाके यानी राजस्थान में लाल रंग का एक खास सांप पाया जाता है । स्थानीय भाषा में इसे दूध पीने वाला सांप कहते है , इसकी लगातार घटती संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इसे दुर्लभ प्रजाति की सूची में भी रखा है। जानकार बताते हैं कि रेड सैंड बोआ रेतीली जमीन पर पाए जाने वाला शांत प्रवृत्ति का सांप होता है। जिसे भारत में दोमुंहा सांप भी कहते हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा में इस सांप को लोग मुसलेड़ी भी कहते हैं। ये छोटे आकार का होता है। यह बिना जहर वाला सांप होता है।

देखे इस दुर्लभ सांप का वीडियो

दो मुँह वाला सांप : छत्तीसगढ़ में मिला  दुर्लभ दो मुँह वाला सांप , देखने के लिए उमड़ी भीड़

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