भिलाई-कॅरोना वैक्सिनेशन 18 से 44 की व्यवस्था सरकार की इच्छा शक्ति में कमी के चलते शुरू से ही विवादों में रही।पहले वैक्सिनेशन में आरक्षण, फिर मामला हाई कोर्ट ,फिर हाईकोर्ट की फटकार, फिर वैक्सिनेशन बंद, फिर न्यायालय ने फटकार लगाई तो सरकार ने अपनी मंशा पूरी करने नया बंटवारा कर अंत्योदय, बी पी एल, ए पी एल हेतु अलग अलग व्यवस्था दी किन्तु यह व्यवस्था भी अव्यवस्था की भेंट चढ़ती नजर आ रही है उतई नगर में APL के वैक्सिनेशन पहले दिन खत्म दूसरे दिन सुबह से ही कुछ वैक्सिनेशन BPL के बाद खत्म,अंत्योदय के टीके लगवाने वालों की कमी और APL व BPL वाले सेंटर आकर वापस लौट रहे। दुर्ग ग्रामीण के ग्राम अंडा से भी प्राप्त शिकायत में ग्राम अंडा में सिर्फ अंत्योदय वालों की व्यवस्था APL व BPL वालों को निकुम या उतई आने की जानकारी मिल रही ओर 15 किलोमीटर दूर आने के बाद भी यहां APL व BPL वालों का निराश लौटना 18 से 44 वैक्सिनेशन व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए काफी है ।उक्त उद्गार जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के दुर्ग जिला ग्रामीण अध्यक्ष सतीश पारख ने व्यक्त किये।उन्होंने कहा की राजनीतिक लड़ाई व अपनी जिद नही छोडने की सरकार की जिद ने आमजनता को उलझन में डाल दिया है जिसके कारण उनके सामने परेशान होने के अलावा और कुछ भी बाकी नही रह गया है।सतीश पारख ने कहा कि सरकार को अपनी जिद छोड़कर 45 प्लस की चल रही व्यवस्था अनुरूप ही 18 प्लस की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिये।वही वैक्सिनेशन व्यवस्था दुरुस्त करने में नाकाम साबित हो रही सरकार ने दूसरी ओर घर घर शराब पहुंचाने का फैसला ले लिया है।जो निंदनीय है ।लॉक डाऊन के चलते मध्यम व निम्न वर्ग के सामने घर चलाने के लाले पड़े हुवे है जो आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे है वही दूसरी ओर सरकार को अपने व्यवसाय व कमाई की चिंता पड़ी है।