नया रायपुर से राजनांदगांव तक बनेगा 6 लेन हाईवे, इन गांवों की जमीन कि खरीदी बिक्री पर प्रशासन ने लगाया रोक

छत्तीसगढ़- राजधानी के नया रायपुर से राजनांदगांव के बीच अब सिक्स लेन सड़क बनाई जाएगी। और यह सड़क भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनायाजाएगा। इस सिक्स लेन सड़क की तैयारी शुरू होते ही रायपुर कलेक्टर ने प्रोजेक्ट के रास्ते में आ रहे करीब 19 गांवो में जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी है। आपको बता दे कि इन गांवों की जमीन में अब न ही नामांतरण होगा और न ही किसी प्रकार से डायवर्सन होगा। मंगलवार को इस संबंध में सरकारी आदेश जारी कर दिया गया है।

रायपुर के  इन 19 गांव में जमीन खरीदी बिक्री पर लगी  रोक

दरअसल इस संबंध में रायपुर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे ने अभनपुर और आरंग अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देंशित कर दोनों अनुभागों के अंतर्गत 19 गांवों की जमीनों की किसी भी प्रकार की खरीदी-बिक्री, बटांकन और डायवर्सन पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि इन 19 गांवों के जमीन की नेशनल हाईवे 53 के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। कलेक्टर ने अभनपुर और आरंग अनुभाग के राजस्व अधिकारियों को इसके लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं।

नया रायपुर से राजनांदगांव तक 92 किलोमीटर लंबा रहेगा नेशनल हाइवे

जानकारी के लिए बता दे कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मुम्बई-कोलकाता इकोनॉमिक कॉरीडोर सड़क पर दुर्ग-रायपुर बाईपास सड़क का निर्माण करा जाना है। चार और छह लेन की यह सड़क छत्तीसगढ़ में कुल 92.230 कि.मी. लम्बाई की होने वाली है। यह सड़क राजनांदगांव जिले के टेडेसरा गांव से शुरू होकर रायपुर जिले के पारागांव में जाकर समाप्त होगी। रायपुर जिले में सड़क की कुल लम्बाई 48.73 कि.मी. होगी। इस सड़क में अभनपुर अनुभाग के 17 और आरंग संभाग के 2 गांवों की भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।

इस परियोजना से प्रभावित होंगे यह गांव , इन गांवों के जमीन का होगा अधिग्रहण

इस परियोजना से प्रभावित होने वालों में अभनपुर अनुभाग में 17 गांव हैं। इसमें बकतरा, विरोदा, भेलवाडीह, डोमा, झाकी, केन्द्री, खट्टी, कोलर, कुर्रू, मोखेतरा, नवांगांव, पचेड़ा, पलौद, परसदा, तर्रा, टेकारी, डगेतरा और आरंग अनुभाग के 2 गांव अकोलीकला और लिंगाडीह के ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। अब इसके लिए प्रशासन जमीन मालिकों की पूरी डिटेल निकाल रहा है की किन ग्रामीणों की कितनी जमीन सड़क के रास्ते में आ रही है। जब ये काम पूरा हो जाएगा तक ग्रामीणों से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा।

अब रायपुर से दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव जाना होगा आसान

गौरतलब है कि रायपुर से दुर्ग भिलाई और राजनांदगांव जाने के लिए यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। रायपुर से टाटीबंध होते हुए और अम्लेश्वर के रास्ते दुर्ग जाते हैं। टाटीबंध के रास्ते जाने पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक की समस्या से जूझना पड़ता है। इसी सड़क में सबसे ज्यादा बड़ी वाहनों का आना जाना होता है। इसे लोग खतरनाक सड़क मानते हैं क्योंकि आए दिन इस सड़क में हादसे होते रहते हैं।

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