छत्तीसगढ़ –केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जब से केंद्रीय मंत्रीमंडल में फेरबदल की चर्चा चली है उसी के साथ छत्तीसगढ़ राज्य से अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह बनने की की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस की सरकार है और केंद्र की सरकार बीजेपी को मजबूत करने के लिए यहां से किसी न किसी को विशेष जगह दे सकता है जो आने वाले समय में राज्य की बीजेपी पार्टी को मजबूती प्रदान करे। जब से केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा आयी है तब से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों के नाम को लेकर चर्चा तेज है।
बहरहाल छत्तीसगढ़ के आदिवासी वर्ग से सरगुजा क्षेत्र की सांसद रेणुका सिंह पहले से ही केंद्रीय कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वही छत्तीसगढ़ से मंत्री मंडल में प्रतिनिधित्व से सवाल पर छत्तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इसे विशुद्ध रूप से केंद्र का मामला करार दिया है तो वहीं सरकार के एक प्रवक्ता मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि रेणुका सिंह केंद्रीय मंत्री मंडल में है। मगर उनका होना और न होना एक ही बराबर है। और साथ ही उक्त प्रवक्ता द्वारा यह भी कहा कि अगर छत्तीसगढ़ से केंद्रीय मंत्रीमंडल में सांसदों को शामिल किया जाता है तो इससे प्रदेश का ही भला होगा और आने वाले चुनाव में इसका फायदा भाजपा को होगा ।
जानिये किन नामो पर लग सकती है मुहर और क्यों …।
१. डॉ. सरोज पांडेय
राजनितिक जानकारों की मानें तो अगर केंद्रीय मंत्रीमंडल में फेरबदल होता है। और तब छत्तीसगढ़ से नाम तय करना होगा तो सामान्य वर्ग से दुर्ग की डॉ. सरोज पाण्डेय (Saroj Pandey) जो की अभी राजयसभा संसद है , का नाम छत्तीसगढ़ के बाकि सांसदों से सबसे ऊपर है। डॉ सरोज पांडेय (सरोज पांडेय) छत्तीसगढ़ की एक तेज तर्रार नेत्री है , और जिनके नाम एक अनोखा रिकॉर्ड है वे एक साथ महापौर , विधायक और लोकसभा सांसद रह चुकी है। साथ ही उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय दायित्व भी संभाला था और वे इसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थी। सरोज अभी वर्तमान में राज्यसभा सांसद है। और वह बीजेपी के केंद्रीय संगठन में राष्ट्रीय महामंत्री रह चुकी है।
२. संतोष पांडेय
सरोज के बाद अगर सामन्य वर्ग की बात करे तो इसके साथ ही सामान्य वर्ग से ही राजनांदगाव के सांसद संतोष पाण्डेय के नाम की भी चर्चा केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए है। संतोष पांडेय अभी राजनांदगांव से सांसद हैं और पूर्व में युवा आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। संतोष पांडेय एक बेहतर प्रवक्ता और लोकसभा में उनका परफॉरमेंस भी बेहतर है।
३. विजय बघेल
वहीं अगर ओबीसी वर्ग अगर नाम की चर्चा होती है तो सबमे से दुर्ग सांसद विजय बघेल काफी आगे है। विजय बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के क्षेत्र से है और दोनों ही पाटन विधानसभा सीट से एक दूसरे के धुर प्रतिद्वन्द्वी है। और वही विजय बघेल ने पहली बार लोकसभा
का चुनाव दुर्ग से लड़ा और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा वोटों से चुनाव को जीत कर लोकसभा तक पहुंचे हैं। और पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के रूप में उनकी छत्तीसगढ़ प्रदेश में बेहतर छवि मानी जाती है।
४. गुहाराम अजगल्ले
वही अगर छत्तीसगढ़ से अनुसूचित जाति वर्ग से अगर किसी का नाम आता है तो जांजगीर-चांपा से लोकसभा सांसद गुहाराम अजगल्ले के नाम पर भी चर्चा हो रही है। सांसद गुहाराम अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह एक जमीनी स्टार के नेता है और हर तबके में उनकी छवि काफी अच्छी है। अनुसूचित जाती के बेहतर नेता और बेहतर सामाजिक पकड़ के कारण केंद्रीय नेतृत्व के नजर में हैं।