दुर्ग – बालकों की संरक्षण एवं देखरेख के लिए जिला स्तर पर गठित जिला बाल सरंक्षण समिति की बैठक गत दिवस आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने समिति में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने बाल संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह सहित बाल गृह में निवासरत, बच्चों के लिए प्रर्याप्त आवश्यक व्यवस्था मुहैय्या कराने कहा। उन्होंने बालकों की सुरक्षा के मद्देनजर आवश्यता अनुसार सीसीटीवी कैमरा लगाने, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल भी तैनात करने कहा। स्वास्थ्य दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मोबाईल वेन के माध्यम से नियमित रूप से स्वास्थ्य परिक्षण कराते रहने कहा।
कलेक्टर ने जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत बालकों का आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड एवं बैंक खाते खोले जाने के कार्य को प्राथमिकता पूर्वक करने कहा। उन्होंने संस्थाओं में रिक्त पदों की जानकारी लेते हुए, भर्ती प्रक्रिया के लिए नियमानुसार कार्यवाही करते हुए, शासन को प्रस्ताव भेजने एवं आगे की कार्यवाही करने कहा। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में बेहतर पेयजल व्यवस्था के लिए अमृत जल मिशन योजनांतर्गत पाइप लाइन से कनेक्शन दिया जाए। साथ ही संस्थाओं में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए शौचालय एवं स्नानागार की नियमित साफ-सफाई भी सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने बैठक में बच्चों के शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन का विशेष ध्यान रखने कहा इसके लिए समय-समय पर संस्थाओं में बाल लघु फिल्म, वाद-विवाद, निबंध प्रतियोगिता का आयोजन कर उनका मानसिक उन्नयन करने कहा है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि बच्चों के पलायन, मानव तस्करी, भिक्षा वृत्ति जैसे अपराध को रोकने एवं इसके रोकथाम हेतु पुलिस प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही करते रहें। साथ ही जिले में गुमशुदा हुए, बच्चों का डाटा तैयार कर उसके पतासाजी एवं बरामदगी के लिए भी विशेष पहल व कार्यवाही करने कहा।
कलेक्टर ने सखी वन स्टाप सेंटर जिला स्तरीय प्रबंधन समिति की भी समीक्षा की । बैठक में उन्होंने बालिका एवं महिलाओं के संरक्षण के लिए कारगार उपाय करने कहा। बैठक में उन्होंने महिला अपराध से संबंधित प्रकरणों पर प्रभावी कार्यवाही करने और पीड़ित महिला को समुचित न्याय दिलाने कहा। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी प्रकार से पीड़ित महिला को आवश्यक सहयोग, कानूनी सलाह दिलाने में सार्थक भूमिका का निर्वाहन करें।