बिलासपुर में चार घंटे की मशक्कत के बाद डॉक्टरों द्वारा आठ साल की बच्ची (तमन्ना कुमारी पोर्ते पिता बालकृष्ण पोर्ते ) की भोजन नली से तीन सिक्के निकाले । दरअसल , बच्ची बाल्टी लेकर बाहर पानी भरने गई फ्रॉक में जेब न होने के कारण उसने सिक्के मुँह में दबा लिए जो बाद में जाकर उसकी भोजन नली में फँस गए , बच्ची कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के खैरा डुबान की रहने वाली है । जब बच्ची रोने लगी और उसकी हालत खराब होने लगी तब घबराए परिजन उसे अस्पताल ले गए , जहां से उसे बाद में बिलासपुर रेफर कर दिया गया।
चार घंटे की मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने निकाले सिक्के।
जब बच्ची के परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे , तब उसकी हालत बहुत खराब थी और वह दर्द से सुस्त पड़ गई थी । उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी । एक्स – रे रिपोर्ट देखने पर डॉक्टरों को पता चला कि बच्ची के गले में सिक्के फंसे थे । सिक्कों को निकालने के लिए डॉक्टरों ने बच्ची को पहले बेहोश किया उसके ESOPHAGOSSCOPE को उसके मुंह से भोजन नली में डाला और एक एक करके तीनो सिक्के गले से निकाल लिये। डॉक्टर बृजेश पटेल और उनकी टीम ने समय रहते तीनों सिक्के गले से निकाले जिसके कारण बच्ची की जान बच गई।
दुर्ग में 7 साल की बच्ची के पेट से निकाला गया 5 रुपये का सिक्का।
जिला बेमेतरा रामपुर बेरला निवासी कृतिका यादव ने 5 रुपये का सिक्का खेलते खेलते निगल लिया था जिसके बाद उसे उपचार के लिए एस आर हॉस्पिटल दुर्ग ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों की मदद से सिक्के को बच्ची के पेट से निकाल लिया गया।