छत्तीसगढ़– राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। भुपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति गौरव को बढ़ावा देने की दिशा में निर्णय लेते हुए सभी शासकीय कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र को प्रमुखता से स्थान दिए जाने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय के विषय मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर सरकार के निर्णय की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का वैभव और संपन्नता हमारे किसानों से है। उनकी खुशहाली में छत्तीसगढ़ महतारी का ही आशीर्वाद है। हमने छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र को सभी शासकीय कार्यक्रमों में प्रमुखता से स्थान देने का निर्णय लिया है, जिससे कि हमें हमारी माटी के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति का स्मरण हो सके।
छत्तीसगढ़ महतारी के तस्वीर को लेकर जो निर्णय सरकार ने लिया है उसके बाद से अब पूरे प्रदेश में होने वाले हर शासकीय कार्यक्रमों में इस तस्वीर को प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री निवास में भी होने वाले आयोजनों में भी छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर देखने को मिलेगी। अब तक यह न तो परम्परा थी और न ही जरूरत, लेकिन राज्य सरकार ने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर को प्रमुख स्थान देने का बड़ा निर्णय लिया है।
दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्यों की श्रेणी में आता है। प्रदेश को धान का कटोरा भी कहा जाता है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ महतारी के तस्वीर में उनके हाथों में धान की बाली और हसिया दिखाई देता है। यह उन्नत कृषि का प्रतीक है , वहीं सिर पर सजे मुकुट में भी छत्तीसगढ़ी परम्परा की झलक दिखाई पड़ती है। करधन, अइठी, खिनवा, मुंदरी, सांटी, टिकली छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर को और भी सुंदर बनाती है।
इसके पहले छत्तीसगढ़ के राजगीत को लेकर भी हुआ था निर्णय
बीते दिनों राज्य सरकार ने किसी भी शासकीय आयोजन की शुरुआत राजगीत से करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद से अब हर शासकीय कार्यक्रमों में पहले राजगीत अरपा-पैरी की धुन लगाई जाती है। इसी तर्ज पर अब सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी के तस्वीर को लेकर भी निर्णय लिया है।