दुर्ग- दुर्ग बायपास में स्थित मनोज राजपूत ले आऊट बिल्डर पर एक बार फिर सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर सरकारी दस्ते ने बाउंड्री वाल और कब्जे की जगह पर बुल्डोजर चलाया है। आपको बता दे कि मनोज राजपूत बिल्डर द्वारा बार – बार सरकारी जमीन पर बेजाकब्जा करके अवैध प्लॉटिंग करने का काम कर रहा है ।
इसे लेकर अब दुर्ग जिला प्रशासन ने दो महीने के अंदर दूसरी बार बड़ी कार्रवाई करी है । इसके पहले भी जिला प्रशासन व निगम के अधिकारियों ने बिल्डर को दोबारा ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मगर फिर से शासकीय जगह पर कब्जे को लेकर इस बार भी प्रशासनिक अधिकारी बाउंड्रीवाल ढहाकर चले गए ।
नगर पालिका निगम दुर्ग के सीमा अंतर्गत नागपुर हाईवे के किनारे दुर्ग बायपास टोल प्लाजा के पास मनोज राजपूत बिल्डर 50 एकड़ से भी अधिक बड़ी जमीन पर अवैध प्लॉटिंग कर रहा है । उसने प्लॉटिंग के लिए एक बड़ा गेट के साथ शासकीय जमीन पर कब्जा करके वहां बड़ी – बड़ी बाउंड्रीवाल बना दिया था । इसे लेकर जिला प्रशासन व निगम प्रशासन के संयुक्त अमले ने फिर से एक बार कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को उसे ध्वस्त कर दिया है।
करवाई के दौरान मौजूद रहे अधिकारी
बिल्डर के ऊपर कार्रवाई के दौरान इस मौके पर एसडीएम मुकेश रावटे , भवन अधिकारी प्रकाश चंद थावनी , तहसीलदार प्रकाश सोनी , सहायक भवन अधिकारी गिरीश दीवान , दुर्ग थाना टीआई , मोहन नगर थाना टीआई , उड़नदस्ता प्रभारी शिव शर्मा , भवन निरीक्षक विनोद मांझी , विकास दमाहे सहित राजस्व विभाग व नगर निगम के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे । सभी अधिकारी वहा अपने साथ अवैध निर्माण को ढहाने के लिए चार जेसीबी लेकर पहुंचे थे ।
नाले को जामकर किया था कब्जा
जानकारी के अनुसार बिल्डर मनोज राजपूत ने ले आउट की साइट में नाली बनाने के लिए बाइपास रोड के पास शासकीय पाइप लाइन को रोक दिया था। और इसके साथ ही नाले के मार्ग में कब्जा कर वहा बाउंड्रीवाल खड़ा कर दिया था । जगह के सीमांकन के बाद निगम की टीम ने उस बाउंड्रीवॉल को तोड़ दिया है।
सत्ताधारी नेता की सह पर कर रहे बेफिक्र होकर कब्जा
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि बिल्डर मनोज राजपूत खुद कांग्रेसी नेता है। भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार बिल्डर मनोज राजपूत कांग्रेस नेता है और इसके साथ ही वह जिले के एक बड़े कांग्रेसी नेता के साथ मिलकर अवैध प्लॉटिंग कर रहे है । बस यही कारण है कि बार – बार शिकायत करने के बाद भी जिला प्रशासन शासकीय भूमि से बेजा कब्जा हटा तो देता है। लेकिन संबंधित बिल्डर के खिलाफ कोई बड़ी और ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे है । करीब दो महीने पहले भी प्रशासन ने यहां ऐसी बड़ी कार्रवाई की थी।