अग्निवीर : वरुण गांधी ने किया ऐसा ऐलान की सांसद और विधायको को हो गयी टेंशन , जाने अपनी ही सरकार को आड़े हांथो लेते हुए क्या कहा

Pc- team varun gandhi fb

देश- केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर देश में काफी बवाल मचा पड़ा है। इस बवाल के बीच मे अब भाजपा के नेता वरुण गांधी ने अग्निवीर जवानों को पेंशन या ग्रेच्युटी न मिलने पर अपनी ही केंद्र की बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है।

भाजपा नेता वरुण ने अपने ट्वीट में कहा की

“अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नहीं हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यों? राष्ट्र रक्षकों को पेंशन का अधिकार नहीं है तो मैं भी खुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूं. क्या हम विधायक/सांसद अपनी पेन्शन छोड़ ये नहीं सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?”

आपको बता दे कि सरकार ने भारतीय सेना में भर्ती को लेकर बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में अब अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर जवानों की सेना में भर्ती होगी। इस स्कीम के तहत इनकी भर्ती सिर्फ चार वर्ष के लिए होगी। जिसके 4 साल बाद अधिकतम सिर्फ 25 परसेंट को ही स्थायी सेना में नौकरी दी जाएगी और 75 फीसद युवाओं को रिलीज या ये कहे रिटायर्ड कर दिया जाएगा। इस अग्निवीर योजना के तौर पर सेना की सर्विस करने वाले जवानों को कई तरह की सुविधाएं सरकार की तरफ से दी जाएंगी, लेकिन इस योजना में साफ तौर पर कहा गया है कि अग्निवीरों जवानों को सेवा अवधि खत्म होने के बाद पेंशन का अधिकार नहीं होगा। जैसा कि सेना में भर्ती होने के बाद रिटायर हुए सैनिकों को होता है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि अग्निवीर जवान सिर्फ 4 साल के लिए ही सेना में अपनी सेवा देंगे। हालांकि इसके बाद, भविष्य में उनके लिए कई दरवाजे खुल जाएंगे।

भाजपा नेता वरुण गांधी इसके पहले भी उठा चुके हैं सवाल
कुछ समय पहले ही वरुण गांधी ने कहा था की

“जब एक नौजवान का सपना मरता है, तो पूरे देश का सपना मरता है। क्या 4 साल के बाद अग्निवीरों का सम्मानजनक पूनर्वास होगा? मेरा मानना है कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति की आवाज न सुनी जाए, तब तक कोई भी कानून का निर्माण न हो। किसान जब अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरें तो वो खालिस्तानी, युवा सेना में बहाली को लेकर सड़कों पर आये तो वे जेहादी। देशभक्त युवा मां भारती की सेवा का भाव मन में लिए दधीचि की तरह अपनी हड्डियां गलाता है तब जा कर फ़ौज में नौकरी पाता है। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन सबका अधिकार।”

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