अहिवारा: नगरपालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य मे हो रही घोर लापरवाही, जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौन

दुर्ग- जिले में स्थित नगरपालिका परिषद अहिवारा एक बार फिर से चर्चा में है दरअसल इस बार फिर भ्र्ष्टाचार को लेकर एक खबर सामने आयी है। आपको बता दे कि अहिवारा नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 01 में हो रहे नाली निर्माण को लेकर लापरवाही सामने आयी है।

सीमेंट और गिट्टी की जगह डाले जा रही मिट्टी की बोरी

फ़ोटो- मिट्टी से भरी हुई बोरी

जानकारी अनुसार नाली निर्माण में सीमेंट और गिट्टी के घोल की जगह मिट्टी से भरी बोरी डाल कर चोरी छिपे आधा गड्ढा पाटा जा रहा था। नीचे दिए चित्र में आप देख सकते है कि ठेकेदार के द्वारा काम मे लापरवाही बरतते हुए घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा था। जिसे लेकर वार्ड के नागरिकों द्वारा विरोध किया गया और उनके द्वारा तत्काल नगरपालिका के इंजीनियर को इस विषय पर फ़ोटो सहित जानकारी दी गयी जिसके बाद उन्होंने इस सम्बंध में ठेकेदार को निर्देशित करने की बात कही।

अहिवारा में बहुत से निर्माण कार्यों में हो रही है लापरवाही और जनप्रतिनिधि देते है ठेकेदारों को संरक्षण

जानकारी अनुसार नाली निर्माण के कार्य मे सीमेंट-गिट्टी के घोल की जगह मिट्टी की बोरी भरी जा रही थी और निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार स्वयं खड़े होकर यह कार्य करवा रहे थे। उसके बाद इनके इस लापरवाही का विरोध किया गया जिसके बाद तत्काल मिट्टी से भरी बोरिया वहाँ से निकलवाई गयी।

उसके पश्चात इस कार्य की फ़ोटो नगरपालिका के इंजीनियर को भेज कर इस संबंध में जानकारी दी गयी। इसके बाद व्हाट्सएप में ग्रुप पर भी जनप्रतिनिधियों को इस विषय पर एक्शन लेने की बात  कही गयी पर वह ठेकेदार का समर्थन करते नजर आए।

इस कार्य से देखा जा सकता है कि पालिका क्षेत्र में किस प्रकार ठेकेदार बेधड़क होकर लापरवाही पूर्वक कार्य कर के शासन को और जनता को किस प्रकार से बेवकूफ बना रहे है। जिस प्रकार से नगर में निर्माण कार्यो में लापरवाही बरत कर जो कार्य किये जा रहे है उस से तो जनता के पैसे की बर्बादी तो हो ही रही है साथ ही घटिया निर्माण ज्यादा समय टिक नही पायेगा जिस से समस्या का समाधान नही बल्कि भविष्य में फिर से समस्या खड़ी हो जाएगी। साथ ही नगर के जनप्रतिनिधि के द्वारा इस प्रकार से अनदेखी करना और उनके द्वारा कोई एक्शन न लेना यही प्रतीत करता है कि ठेकेदारों के हौसले इस लिए बुलंद है क्योंकि उनको इनका संरक्षण प्राप्त है?

इस पर एक्शन कब ?

फिलहाल इस विषय पर देखने वाली बात यही होगी कि अब इस  पर अधिकारी और जनप्रतिनिधि ठेकेदार के ऊपर कब कार्यवाही करेंगे।

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