अहिवारा: CMO के खिलाफ दूसरे दिन भी विरोध जारी, स्थानांतरण पर अब भी अड़े कर्मचारी, जानिए CMO राजेश तिवारी का क्या है विवादों से नाता

अहिवारा – नगर पालिका अहिवारा के कर्मचारियों द्वारा आज लगातार दूसरे दिन किया जा रहा धरना प्रदर्शन। हमेशा से विवादित रहने वाले नगर पालिका अहिवारा के सीएमओ राजेश तिवारी के खिलाफ आज दूसरे दिन भी कर्मचारियों द्वारा नगरपालिका परिषद के बाहर पंडाल लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सभी कर्मचारी एक सुर में सीएमओ को यंहा से हटाने के लिए लामबंद नजर आए।

अध्यक्ष और पार्षदों के बीच दो दौर की हुई बातचीत कर्मचारी CMO के स्थानांतरण के लिए अड़े रहे

धरना प्रदर्शन के दूसरे दिन पालिका अध्यक्ष के साथ पार्षदों व कर्मचारियों के बीच दो दौर की बातचीत हुई किंतु इस मामले में अब तक किसी भी प्रकार का फैसला नहीं हो पाया है। कर्मचारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के दुर्व्यवहार से इतने व्यथित हैं कि वह अब उनके साथ काम करने को बिल्कुल भी तैयार ही नहीं है। उन सब की एक ही मांग है की प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी राजेश तिवारी का स्थानांतरण हो और उन्हें उनके मूल पद पर भेजा जाए ताकि आने वाले समय में किसी भी नगर पालिका या नगर पंचायत के कर्मचारियों पर उनके दुर्व्यवहार और अपशब्दों का शिकार किसी कर्मचारी को ना होना पड़े।

प्रभारी सीएमओ को उनके मूल पद पर वापस भेजने की मांग

अहिवारा: सीएमओ के खिलाफ कर्मचारी दूसरे दिन भी धरने पर।

आपको बता दे कि प्रभारी सीएमओ बनकर आये राजेश तिवारी की पदस्थापना दूसरी जगह पर है। जिन्हें अल्पावधि के लिए प्रभारी सीएमओ का दायित्व दिया गया है। जिसे लेकर भी अब कर्मचारियों ने मोर्चा छेड़ा है और कहा है कि इन्हें इनके पुराने और असली पदस्थान पर पुनः भेजा जाना चाहिए। प्रभारी सीएमओ का दायित्व पर काफी समय पर बने रहने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे है। साथ ही कहा जा रहा है कि इन्हें इनके पूर्व पद पर भेजने से और किसी कर्मचारी को इनके दुर्व्यवहार का सामना नही करना पड़ेगा।

CMO का विवादों से है पुराना नाता, लगे है कई आरोप

आपको बता दे कि नगर पालिका अहिवारा CMO राजेश तिवारी पहले भी नगर पालिका परिषद के कई कामकाज और नियम विरुद्ध कार्य करने को लेकर विवादों में आ चुके है।

इन मुद्दों पर जनता और जन प्रतिनिधियों ने उठाये थे सवाल

  1. अहिवारा बस स्टैंड की दुकानों का नियम विरुद्ध जाकर नीलामी करना, बोली प्रक्रिया में पार्षदों द्वारा बोली लगवाना और दुकानों की दर और भजापा नेताओं को आबंटन करने।
  2. नगर पालिका परिषद में बने गौठान में लाखो रुपये की हेराफेरी करना। गौठान भाजपा नेताओं के करीबियों को ठेका देना। आपको बता दे निर्माण कार्य इतना घटिया था कि यह गौठान 1 माह भी नही टिक पाया था। इसकी शिकायत पूर्व कलेक्टर नरेंद्र भूरे के पास करि गयी थी जिसके बाद उन्होंने नाराजगी जताई थी।
  3. अहिवारा नगर पालिका अंतर्गत पट्टा वितरण में पारदर्शिता नही बरतना शिकायत करि गयी कि पार्षद के परिवार व रिश्तेदारों को पट्टा दे दिया गया जिससे जरूरतमंद लोग वंचित रह गए।
  4. प्रधानमंत्री आवास योजना में ठेकेदारों को घर दिलवाकर उनके पैसे पास करवाने का कार्य लंबे समय से चल रहा है। जिससे सालो से अपने घर का सपना देख रहे गरीब व जरूरत मंद लोगो का पैसा अभी तक पास नही किया गया है । जिस कारण से गरीब आदमी घर तोड़कर बरसात और धूप में खुले आसमान में रहने पर मजबूर हो रहे है। वही ठेकेदारों की दर्जनों फाइलों को ऑफिस में बैठकर उन्हें पहले आगे बढ़ाया जाता है।
  5. प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रभारी को दुर्ग कलेक्टर ने तत्काल हटाने कहा था पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उनके आदेश की अवहेलना कर के आज भी उनको पड़ पर बनाये रखा हुए है।
  6. अहिवारा SLRM सेंटर के निर्माण कार्य को पार्षद के भाई को कार्य दे देना जिसका जनप्रतिनिधियों ने काफी विरोध किया था।
  7. बजट का काफी देर से पारित होना सीएमओ द्वारा बजट पुस्तिका पार्षदों को उपलब्ध न कराया जाना जिसे लेकर पालिका उपाध्यक्ष ने कई सवाल खड़े किए थे जिसमें कई कार्य के लिए जबर्दस्ती का बजट बना देने जैसे आरोप लगाये गए थे।

जैसे और कई अन्य मुद्दे है जिसे लेकर पहले भी काफी विरोध हुआ है। अहिवारा नगरपालिका में कई मुद्दे और कार्य ऐसे है जिसकी विभागीय जांच काफी जरूरी है। जांच में कई ऐसे नियम विरुद्ध कार्य सामने आ सकते है।

जामुल और धमधा में भी हुआ था विरोध, फटाके फोड़ कर कर्मचारियों ने मनाया था जश्न

आपको बता दे कि विवादित सीएमओ पद पर काबिज राजेश तिवारी का इसके पूर्व भी कई और जगहों पर भी इनके कार्यप्रणाली को लेकर जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने काफी विरोध किया था। जब वह धमधा पालिका में थे तब भी वंहा के नगरपालिका अध्यक्ष के साथ मे इनकी काफी अनबन सामने आई थी। जिसके बाद जनप्रतिनिधियों ने एक साथ होकर इनके स्थानांतरण को लेकर मोर्चा खोला था। जिसके बाद शासन ने आनन फानन में इनका वंहा से ट्रांसफर किया था। जिसके बाद वंहा के कर्मचारियों ने फटाके फोड़ कर खुशियां मनाई थी।

इसी तरह जामुल में भी जब वह पालिका में पदस्थ थे तब भी जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों के साथ भी इनके दुर्व्यवहार को लेकर काफी नाराजगी जताई गई थी। इनकी कार्यप्रणाली की शैली और कर्मचारियों के साथ मतभेद को लेकर कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया था। जिसके बाद सबने काम को रोक कर इनके ट्रांसफर करने को लेकर अड़े रहे जिसके बाद शासन ने फिर से इनका स्थानांतरन दूसरी जगह किया।

अब इसी तरह अहिवारा नगरपालिका के कर्मचारी भी सीएमओ राजेश तिवारी के खिलाफ अपना काम रोक कर धरने पर उतर आए है। सबने एक सुर में मांग की है कि इनका स्थानांतरन किया जाए तभी सभी कर्मचारी काम पर वापस लौटेंगे।

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