भिलाई- भिलाई के टाउनशिप में बेजाकब्जा को लेकर राजनीतिक दलों और बीएसपी प्रबंधन के बीच आपस मे ठन गई है । अभी कुछ दिन पहले ही इस कार्रवाई का विरोध करते हुए भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव बेजाकब्जा खाली कराए गए लोगों के साथ खड़े हुए थे । औऱ देवेंद्र ने सिविक सेंटर में तोड़ी गई बेजाकब्जा धरियो को दुकानों को फिर से वहीं यथास्थान बनाने की बात कही थी । विधायक देवेंद्र के इस बयान के बाद बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन (OA) और ट्रेड यूनियन विधायक के खिलाफ खड़े हो गए थे । ऑफिसर्स एसोसिएशन OA और ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने तो यहां तक चेतावनी दे डाली है कि अब तक उन्होंने प्यार से समझाया है संभल जाएं , वरना 6 विधानसभा क्षेत्र में संभलने का मौका नहीं देंगे ।
टाउनशिप इलाके में बीएसपी क्वार्टर और व्यवसायिक जमीन पर बेजा कब्जा धारकों को हटाने के लिए बीएसपी के इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट ने एक मुहिम चलाई है । अब तक बीएसपी ने सैकड़ों घरों से बेजा कब्जा को हटाया और अवैध दुकानों को जमींदोज भी किया है । जिस पर भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने इस कार्रवाई का विरोध करते इसे एक सोची समझी साजिश बताया है । देवेंद्र का कहना था कि बीएसपी के अधिकारी कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं । वहीं देवेंद्र के बयान और इसके विरोध में अब बीएसपी के अधिकारी खड़े हो गए हैं । बीएसपी के अधिकारियों ने बैठक बुलाकर पहले तो बेजा कब्जा धारकों का साथ देने वाले के खिलाफ एफआईआर कराने की धमकी दी , लेकिन जब उनकी नहीं चली तो उन्होंने चुनाव में देखने की धमकी देनी शुरू कर दी है ।
दुर्ग जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में है बीएसपी यूनियन की पकड़
आपको बता दे भिलाई इस्पात संयंत्र से जिले के 6 विधानसभा प्रभावित होते हैं । इसमें भिलाई नगर , वैशाली नगर , दुर्ग ग्रामीण , दुर्ग शहर , पाटन और अहिवारा विधानसभा शामिल हैं । इन विधानसभा में बीएसपी के हजारो कर्मचारी कार्यरत है , और यही कर्मचारी चुनाव में हार और जीत में अहम भूमिका निभाते हैं । उनका कहना है कि बीएसपी के अधिकारी कर्मचारी विधायक से लेकर पार्षद को चुनकर लाते हैं । दुर्भाग्य की बात यह है कि जीतकर आने के बाद यही नेता बीएसपी के लोगों को ही दरकिनार करना शरू कर देते हैं । उनका भिलाई इस्पात संयंत्र को देखने का नजरिया बदल जाता है ।