भिलाई – हाइटेक हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक कैम्प को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। 12 से 22 सितम्बर तक चल रहे इस कैम्प में बच्चों के ग्रोथ रिलेटेड प्रॉब्लम्स के ही मामले ज्यादा आ रहे हैं। बच्चों में खाने-पीने को लेकर अरुचि तथा वजन संबंधी समस्याएं भी सामने आई हैं। सभी मामलों में पालकों की काउंसलिंग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जा रही है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मिथिलेश देवांगन एवं डॉ सी सुधाकर ने बताया कि कोविड के बाद बदली हुई परिस्थिति में अधिकांश बच्चे मोबाइल फोन से चिपक गए हैं। छोटे बच्चों की समस्या अलग तरह की है। माता-पिता झंझट कम करने के लिए बच्चे को मोबाइल फोन पकड़ा देते हैं। कुछ बच्चे बिना मोबाइल देखे खाना तक नहीं खा पाते।
डॉ मिथिलेश देवांगन ने बताया कि मोबाइल फोन के कारण बच्चा भोजन में रुचि नहीं लेता। वह मोबाइल में डूबा रहता है और आप उसे खिलाए जाते हो। इससे बच्चे सही मात्रा से कम या ज्यादा भोजन करने लगता है। इसके साइड इफेक्ट अनेक बच्चों में देखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि खाना खाते समय और गेम खेलते समय बच्चा मोबाइल को अपनी आंखों के काफी करीब ले आता है। इसके कारण उनकी आंखों पर काफी जोर पड़ता है। बच्चों में इसके कारण भैंगापन आ सकता है। जिनमें पहले से यह समस्या है वह बढ़ सकता है।
इस शिविर का आयोजन मुख्य रूप से माता पिता को कोरोना बाद की बदली हुई परिस्थिति से जूझ रहे माता-पिता की मदद करना है ताकि वो अपने बच्चों की सही परवरिश कर सकें। शिविर में कुछ ऐसे बच्चे भी मिले जिन्हें ऐसी समस्याएं थीं जिनसे उनके माता पिता तक अनजान थे।