छत्तीसगढ़- एक कहावत है उगते सूरज को हर कोई सलाम करता है तो डूबते का कोई नही। यह कहावत अब छत्तीसगढ़ के एक व्यापारी के साथ घट रही है। राजनैतिक पार्टियां अब अपना पल्ला झाड़ कर उस व्यक्ति को एक दूसरे का बताने में जोर आजमाइश कर रही है।
दोनों राष्ट्रीय दल एक दूसरे पर ही सवाल खड़ा कर रही है , भाजपा ने कांग्रेस के नेताओ के साथ व्यापारी की फोटो डाल पूछा ये “रिश्ता क्या कहलाता है?”
तो वही कांग्रेस ने भी भाजपा नेताओ के साथ व्यापारी की दर्जन भर फ़ोटो डाल कर तंज कसा और सवाल किया की “ये मुलाकात एक बहाना है , प्यार का सिलसिला पुराना है”
इन सब के बीच अब क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस के साथ कि फ़ोटो भी उस व्यापारी की वायरल हो रही है जिसके बाद से उसे जोगी खेमा का भी बताया जा रहा है।
जानिए पूरी कहानी
दरअसल प्रदेश में 30 जून को कई शहरों में इनकम टैक्स की ताबड़तोड़ रेड पड़ी थी । जिसके बाद से कई रसूखदार इस रेड के डर के साये में है । वही इस रेड में महासमुंद निवासी कारोबारी सूर्यकांत तिवारी का नाम सामने आया । कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के कई अलग – अलग ठिकानों में पड़ी आईटी की रेड में करोड़ों के बेनामी लेन – देन के सबूत मिले है । जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है।
जिसके बाद 5 जुलाई को भाजपा इस दावे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये सामने आई कि जिनके यहां पे छापे पड़े है वो कांग्रेस नेताओं के खास व करीबी है । इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा था कि आयकर विभाग के दबिश में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनपर राज्य सरकार का संरक्षण है। साथ ही सूर्यकांत तिवारी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी भी बताया ।
सोशल मीडिया में मचा घमासान , भाजपा ने कांग्रेस नेताओं के साथ फोटो शेयर कर पूछा यह रिश्ता क्या कहलाता है
भाजपा के पूर्व मंत्री व सीनियर लीडर राजेश मूणत ने सूर्यकांत तिवारी की फोटो सोशल मीडिया में पोस्ट कर कांग्रेस पर तंज कसते हुए पूछा था कि “सूर्यकांत तिवारी से कांग्रेस का रिश्ता क्या कहलाता है” जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गयी थी। मूणत जो फोटो शेयर करि है उसमें सूर्यकांत प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के साथ कई मौकों पर नजर आ रहे है।
एक फोटो में तो ये दिख रहा है कि मुख्यमंत्री भुपेश बघेल तिवारी से उनका हाल जानने के लिए हॉस्पिटल तक पहुचे है जिनके साथ छत्तीसगढ़ के मंत्री भी नजर आ रहे है । वही तिवारी फोटो में मंत्री शिव डहरिया के साथ नजर आ रहे है जिसमे उन्होंने कांग्रेस का गमछा अपने गले मे डाला हुआ है।
वही मूणत के बाद कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा नेताओं के साथ फोटो डाल कर कहा “ये मुलाकात तो बहाना है प्यार का सिलसिला पुराना है”
वही अब सोशल मीडिया में कांग्रेस नेता , सूर्यकांत तिवारी को अपना नहीं बल्कि भाजपा नेताओं का करीबी बता रहे हैं । छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने प्रदेश के बड़े भाजपा नेताओं के साथ सूर्यकांत की तस्वीरें शेयर की हैं जिसके बाद से अब नया यु टर्न आया है । आरपी सिंह ने तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा है- ये मुलाकात एक बहाना है .. प्यार का सिलसिला पुराना है … इन तस्वीरों के बारे में भाजपा को क्या कहना है ? पूछता है छत्तीसगढ़ ।
कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा शेयर करि गयी फोटो में सूर्यकांत तिवारी कई मौकों पर नजर आ रहे है जिसमे वह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, तो वही पूर्व मंत्रीयो जैसे बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, केदार कश्यप, प्रेमप्रकाश पांडेय, राजेश मूणत जैसे नेताओं के साथ नजर आ रहे है कुछ फोटो में तो वह नेताओ के साथ खाना खाते तो भाजपा नेता के साथ हवाई सफर करते भी तस्वीर सामने आ रही है।
जोगी खेमे के भी बताए जा रहे सूर्यकांत
इन सब विवाद के बीच अब जोगी कांग्रेस के नेताओ के साथ कि भी फोटो वायरल हो रही है जिसमे सूर्यकांत पूर्व मुख्यमंत्री व दिवंगत अजित जोगी, बसपा प्रमुख मायावती, वर्तमान जनता कांग्रेस के पार्टी प्रमुख अमित जोगी जैसे बड़े नेताओं के साथ उसकी तस्वीर सामने आई है।
जानिए कौन हैं सूर्यकांत तिवारी , कैसे सत्ताजगत के रहते है खास
चाहे भाजपा – कांग्रेस हो या जोगी कांग्रेस सत्ताजगत में खासा रसूख रखने वाले सूर्यकांत तिवारी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के रहने वाले हैं। तिवारी की पहचान पूर्व में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे विद्याचरण शुक्ल के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में रही है। बताया जाता हैं कि विद्याचरण उन्हें अपने बेटे जैसा स्नेह करते थे।
कालांतर में वे फिर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ नजर आने लगे थे । वही राजनीतिक जानकार बताते हैं कि 2003 में प्रदेश में सत्ता पलटने के बाद वे भाजपा सरकार में दो प्रभावशाली मंत्रियों की नजदीकी हासिल करने में भी कामयाब रहे थे और कई मौकों और कार्यक्रम में उनका आना जाना था।
राजधानी के बड़े व्यवसायी के साथ खूब दिखे
वहीं , सूर्यकांत तिवारी भाजपा शासन काल के उस दौर में राजधानी के एक प्रभावशाली व्यवसायी के साथ भी खूब देखे गए हैं। यह व्यवसायी विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। 15 सालों के शासन के बाद जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई तो फिर से सत्ता के गलियारों में सूर्यकांत का नाम फिर सूरज की तरह चमकने लगा था।
“सूर्यकांत तिवारी” सूर्य की वो रोशनी जिसे अब कोई पसंद नहीं कर रहा
तस्वीरें बता रहीं हैं कि सूर्यकांत तिवारी सियासी हस्तियों के करीब रहे हैं , मगर ये सियासी सूरज अब सभी की आंख में खटक रहा है । सूर्यकांत तिवारी के यहाँ पड़े रेड में भाजपा हो या कांग्रेस सूर्यकांत को लेकर बैचेनी दोनों जगह है। इस लिए तो अब दोनों आरोप प्रत्यारोप के जरिये उसे एक दूसरे का खास बताने में लगे है।
खैर , कोयला के व्यापार से जुड़े सूर्यकांत तिवारी के रायपुर व महासमुंद स्थित मकान में आयकर विभाग ने जांच पड़ताल की है । कोरबा के भी कुछ कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की कार्रवाई हुई । प्रदेश में हुई इस जांच के बाद आयकर विभाग की तरफ से कहा गया कि जांच में 200 करोड़ रुपये से अधिक के कलेक्शन के सबूत मिले हैं । जिसके बाद कारोबारियों के घरों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है ।
वही आईटी टीम को चुनावों के दौरान भी अघोषित रूप से फंडिंग करने के सबूत मिले हैं । टीम ने जांच के दौरान 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और लगभग 5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए हैं । कई लॉकर भी सीज किए गए हैं ।