छत्तीसगढ़- चातुर्मास की घड़ीया अब करीब आ चुकी है। अगले सप्ताह से राजधानी रायपुर समेत प्रदेशभर में चातुर्मासिक प्रवचन की श्रृंखला शुरू होगी और लगातार चार माह तक श्रद्धालु व्रत, पूजा में व्यस्त रहेंगे।
जैन समाज के घर-घर में छाएगा भक्ति भाव
दरअसल पिछले दो साल से कोरोना काल को लेकर सादगी से प्रवचन का आयोजन करवाया गया था। जिसमे सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जाता था। पर इस बार राजधानी रायपुर में ऐतिहासिक चातुर्मास होने जा रहा है।
आपको बता दे कि पहली बार जैन संत ललितप्रभ सागर एवं मुनि डा. शांतिप्रिय महाराज प्रवचन के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं। जिनके द्वारा जीवन जीने की कला पर आधारित कल्याणकारी प्रवचन दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालु पहुंचेंगे इसलिए भव्य तैयारी की जा रही है।
10 जुलाई से होगा प्रवचन प्रारंभ
दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष तिलोकचंद बरड़िया, महासचिव पारस पारख एवं प्रशांत तालेड़ा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आउटडोर स्टेडियम परिसर में 10 जुलाई से प्रवचन शुरू होगा। इसके लिए पंडाल व्यवस्था समिति एवं अन्य समिति के प्रभारियों की देखरेख में पंडाल निर्माण का कार्य अपने अंतिम चरण में है। इस पंडाल में लगभग 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। बारिश को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में व्यवधान न हो इसलिए करीब 30 हजार वर्गफीट में वाटरप्रूफ पंडाल तैयार करवाया जा रहा है। साथ ही वीआइपी के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है।
जैन तीर्थ कैवल्यधाम से 10 को राजधानी में करेंगे प्रवेश
समाज द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि दोनों संतगण बुधवार को सुबह दुर्ग से भिलाई की ओर विहार करेंगे। वे 6 जुलाई को वैशाली नगर, 7 जुलाई को भिलाई-3 में एक दिवसीय प्रवचन और रात्रि विश्राम के पश्चात 8 जुलाई को कुम्हारी स्थित कैवल्य धाम में पधारेंगे।
इसके बाद संतगण का पद विहार रायपुर जैन दादाबाड़ी के लिए होगा। 10 जुलाई को राजधानी में उनका भव्य प्रवेश आयोजित किया गया है। आउटडोर स्टेडियम में चातुर्मास के प्रारंभ से लेकर महापर्यूषण पर्व 31 अगस्त तक प्रवचन होगा। इसके पश्चात एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में प्रवचन चातुर्मास के समापन पर कार्तिक पूर्णिमा तक चलेगा।