दुर्ग ब्रेकिंग :- छत्तीसगढ़ के हाईप्रोफाइल अभिषेक मिश्रा मर्डर केस पर आया फैसला, किम्सी को किया बरी चाचा अजित और पति विकास को आजीवन कारावास की सजा…

Abhishek mishra
दुर्ग – दुर्ग जिले के बहुचर्चित हाईप्रोफाइल केस शंकराचार्य ग्रुप के अभिषेक मिश्रा हत्याकांड मामले पर एक बड़ी खबर सामने आयी है। अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में आज दुर्ग जिला न्यायालय में ऑनलाइन सुनवाई हुई। इस ऑनलाइन सुनवाई के दौरान आरोपी रही किम्सी जैन को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। साथ ही वही किम्सी जैन के पति विकास जैन और उनके चाचा अजीत सिंह को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मामला 2015 का है।पर हालांकि इस मामले में 2016 से कोर्ट में केस चल रहा है।
दुर्ग जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने यह फैसला सुनाया है। विगत वर्षो से मामले की सुनवाई का फैसला लगातार टल रहा था। कोरोना महामारी के चलते आज कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई की जा रही थी। अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में भिलाई की किम्सी जैन पर इस मर्डर केस को अंजाम देने का आरोप था।अभिषेक मिश्रा छत्तीसगढ़ के अरबपति कारोबारी वह छत्तीसगढ़ के फेमस एजुकेशन ग्रुप के डायरेक्टर भी थे। मिश्रा के पास करीब 200 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। किम्सी जैन का मिश्रा के साथ पूर्व में प्रेम प्रसंग भी चल रहा था। इस मर्डर केस को अंजाम देने में किम्सी का पति विकास और चाचा अजीत शामिल थे। इस हत्याकांड को बहुत ही सोची-समझिस साजिश के तहत ही अंजाम दिया गया था।

*घर के गार्डन में ही दफन किया था शव और ऊगा दिए थे गोभी*

श्रीशंकराचार्य ग्रुप्स ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौते पुत्र अभिषेक की हत्या कितनी सुनियोजित था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हत्या करने के बाद अभिषेक के शव को आरोपी ने अपने ही घर के बगीचे में दफना दिया था। किसी को भनक न लगे। इसके लिए जहां शव को दफन किया गया था, वहां सब्जी उगा दी गई थी। शव के साथ बड़ी मात्रा में नमक भी डाल दिया गया था, ताकि शव जल्दी नष्ट हो जाए।

*शव की पहचान के लिए हुआ था डीएनए*

अभिषेक मिश्रा 10 नवंबर 2015 को गायब हुआ था। पुलिस द्वारा गाड़ी, फोन लोकेशन की छानबीन के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा था। हत्या के करीब डेढ़ महीने बाद अभिषेक का शव विकास जैन के चाचा अजीत सिंह के घर के बगीचे में पाया गया। जो बुरी तरह सड़ चुके शव की पहचान करना मुश्किल हो गया था। लेकिन शव के पास मिली अंगूठी और लॉकेट अभिषेक मिश्रा के ही थे। इसके बाद डीएनए जांच करवाया गया,जिसमें पुष्टि हुई थी कि यह शव अभिषेक मिश्रा का ही है।

*अभिषेक के कॉलेज में ही काम करती थी किम्सी*

किम्सी जैन अभिषेक मिश्रा के कॉलेज में ही काम करती थी। बताते हैं कि इसी दौरान अभिषेक और किम्सी के बीच नजदीकियां बढ़ीं। बाद में इन नजदीकियों का परिणाम अभिषेक मिश्रा की हत्या के रूप में सामने आया।

Leave a Reply

error: Content is protected !!