गौधन न्याय योजना : 5 रुपये प्रति किलो में गोबर खरीदी करेगी सरकार , गौपालकों को मिलेगी वित्तीय सहायता

छत्तीसगढ़ – प्रदेश सरकार ने संकेत दिए है कि वह गोधन न्याय योजना के अंतर्गत खरीदे जाने वाले गोबर के दाम बढ़ा सकती है। राज्य सरकार अभी गोपालकों से दो रुपये प्रतिकिलो की दर से गोबर की खरीदी कर रही है।

राज्य सरकार इसे अब पांच रुपये प्रतिकिलो करने का प्रस्ताव ला रही

आपको बता दे कि सरकार भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को सालाना सात हजार रुपये की दी जाने वाली मदद को बढ़ाकर अब 10 हजार रुपये करने की तैयारी में है। जल्द ही यह प्रस्ताव मंत्रिपरिषद में लाया जाएगा। वही राज्य सरकार का दावा है कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर की खरीदी करने के बाद से प्रदेश में गोपालकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। गोबर के दाम बढ़ाने देने से इसमें और तेजी आ जाएगी। हालांकि अब इस निर्णय से सरकार पर वित्तीय भार भी ढाई गुना तक बढ़ जाएगा।

छत्तीसगढ़ राज्य में 2021 में शुरू हुई राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत प्रत्येक भूमिहीन परिवारो को सात हजार रुपये की वार्षिक सहायता मिल रही है। यह राशि लाभार्थियों को किस्तों में जारी हो रही है। इसके तहत 21 मई को प्रदेश के तीन लाख 55 हजार 402 हितग्राहियों के बैंक खातों में 71 करोड़ आठ लाख चार हजार रुपये की राशि सीधे भेजी गई थी। इसी प्रकार से गोठानों में अभी तक खरीदे गए गोबर के बदले में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 147.06 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। वहीं गोठान समितियों व महिला स्व सहायता समूहों को अब तक 136.04 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है।

एक वर्ष में 26 प्रतिशत तक बढ़े गोपालक

जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक साल के भीतर ही प्रदेश में गोवंश को पालने वाले पालको की संख्या में करीब 26 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। इस गोधन न्याय योजना से लाभ पाने वाले लोगों की संख्या अब एक लाख 68 हजार 531 से बढ़कर दो लाख 11 हजार 540 हुई है। गोधन न्याय योजना से दो लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण व पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। अब गोबर बेचकर अतिरिक्त आर्थिक आय अर्जित करने वालों में 45.79 प्रतिशत महिलाएं हैं।

राज्य कृषि मंत्री छत्तीसगढ़ शासन रविन्द्र चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। गोबर के दाम और खेतिहर मजदूरों की सहायता राशि बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है। प्रस्ताव पर फैसला मंत्रिपरिषद में होगा।

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