केंद्र से टकराव के बीच ममता बनर्जी का नया दांव, बंदोपाध्याय को अब तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया है। मुख्यमंत्री ममता ने अपने इस फैसले के साथ अब साफ संकेत दिया है कि वे इस सियासी टकराव के बीच बिल्कुल झुकने वाली नहीं है…..

केंद्र से टकराव के बीच ममता बनर्जी का नया दांव, बंदोपाध्याय को अब तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया है।

देश – केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के टकराव का केंद्र बिंदु रहे पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलप्पन बंदोपाध्याय ने पद और सिविल सेवा से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अब टीम ममता को ज्वाइन कर लिया है।

केंद्र सरकार द्वारा उनके 31 मई तक दिल्ली आने के फरमान के बीच यह फैसला लिया गया, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंदोपाध्याय को अब तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया है। मुख्यमंत्री ममता ने अपने इस फैसले के साथ अब साफ संकेत दिया है कि वे इस सियासी टकराव के बीच बिल्कुल झुकने वाली नहीं हैं।

ममता बनर्जी ने इसी के साथ केंद्र सरकार पर हमला भी बोला है, उन्होंने कहा कि यह प्रतिशोध की राजनीति है। ऐसा क्रूर व्यवहार उन्होंने आज तक कभी नहीं देखा। वो ममता बनर्जी पर हमला करना चाहते थे, इसलिए बंगाल के मुख्य सचिव को निशाना बनाया गया। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह तानाशाह हिटलर और स्टालिन की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

आपको बता दे कि तूफान यास को लेकर दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करी थी। मगर बैठक में ममता बनर्जी और मुख्य सचिव बंदोपाध्याय ने उन्हें करीब 30 मिनट तक इंतजार कराया। उसके बाद ममता बनर्जी चक्रवात संबंधी दस्तावेज पेश करने के बाद दूसरे कार्यक्रम में जाने का हवाला देकर वहां से चली भी गईं।

जिसके अगले ही दिन कार्मिक मंत्रालय ने पत्र लिखकर बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करके वापस केंद्र सरकार की सेवा में भेजने का निर्देश जारी किया था। लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त करने से साफ मना कर दिया था।

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