दुर्ग हाउसिंग बोर्ड जमीन मामला : करोड़ो की जमीन कौड़ियों में नियम विरुद्ध विधायक देवेंद्र के भाई व पत्नी को दे दी गयी , हाइकोर्ट ने मांगा जवाब

दुर्ग – काफी समय से विवादित रहे हाउसिंग बोर्ड प्रॉपर्टी घोटाले का मामला अब हाईकोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है । वही हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य शासन , हाउसिंग बोर्ड के साथ- साथ ही दुर्ग – भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव की पत्नी श्रुति यादव और उनके भाई धर्मेंद्र यादव को नोटिस जारी कर के इस विषय मे जवाब मांगा है , जिसका जवाब उन्हें 24 अगस्त तक की अवधि में देना होगा।

DB की ख़बर के मुताबिक दुर्ग के इंडस्ट्रियल एरिया की जमीन आवंटन में गड़बड़ी कर एवं नियमो का पालन न करते हुए वहां की जमीन को विधायक की पत्नी और उनके भाई को आवंटित करा गया है। जिसे लेकर इस मामले में एक जनहित याचिका दायर करी गई है। जनहित याचिका आम आदमी पार्टी दुर्ग के जिला अध्यक्ष मेहरबान सिंह ने अधिवक्ता महेंद्र दुबे के माध्यम से हाइकोर्ट में लगाया है।

इस याचिका में उन्होंने यह बताया है कि दुर्ग में छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टी है जिसे बेचने के लिए 30 सितंबर 2021 को विभाग द्वारा विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन को 2 न्यूज़ पेपर और वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था।

जिसमे वेबसाइट पर दिए गए विज्ञापन में यह में कहा गया था कि हर 15 दिन में ऑफर खुलेगा लेकिन वही अखबार में हर शुक्रवार को ऑफर खुलने की जानकारी दी गई थी।

जानकारी अनुसार दुर्ग कालीबाड़ी चौक इंडस्ट्रियल एरिया की 1410 स्क्वेयर मीटर व्यवसायिक भूखंड के लिए डॉ . श्रुति ताम्रकार यादव ने प्रस्ताव स्वीकृति के लिए हाउसिंग बोर्ड के समक्ष आवेदन जमा किया था । जिसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने 15 दिन वाले नियम का हवाला देते हुए उनके आवेदन को निरस्त कर दिया।

जबकि , 15 दिन में ऑफर खोलने के संबंध में किसी भी प्रकार के नियम का प्रकाशन नहीं किया गया था । याचिका में यह भी बताया गया है कि डॉ . श्रुति ताम्रकार यादव ने जो डीडी हाउसिंग बोर्ड में जमा की थी , वह विज्ञापन प्रकाशित होने वाले दिन 30 सितंबर का था। इसके बाद भी उनके आवेदन को जानबूझकर करके निरस्त कर दिया गया ।

भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव की पत्नी व भाई को नियमों को दरकिनार कर दे दी गई जमीन

उनका ऑफर निरस्त करने के बाद धर्मेंद्र यादव के आवेदन को स्वीकृत कर भूमि हक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई । इस पर श्रुति यादव ने अपना नाम मालिकाना में जोड़ने के लिए आवेदन किया जिसके बाद उनके आवेदन पर उनका नाम जोड़ भी दिया गया । वही याचिकाकर्ता ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि श्रुति यादव कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की पत्नी हैं और धर्मेंद्र यादव उनके बड़े भाई हैं ।

यही वजह है कि विधायक के भाई व पत्नी होने की वजह से सब नियमों को दरकिनार कर उनके आवेदनपत्र को स्वीकार कर लिया गया और विज्ञापित भूमि से अधिक क्षेत्रफल का भूखंड उन्हें दे दिया गया ।

वही इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 24 अगस्त तक सभी पक्षों को अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा है ।

करोड़ों की जमीन को औने – पौने कीमत में बेचने का है आरोप

वही आरोप है कि इस जमीन का बाजार मूल्य 10 करोड़ है । और इसे करीब 2.52 करोड़ में बेच दिया गया। इसके लिए निविदा निकाली गई , इसमें एक ही व्यक्ति ने भाग लिया । जमीन की बिक्री के बाद विधायक देवेंद्र की पत्नी डॉ . श्रुतिका ताम्रकार यादव का नाम जोड़ने आवेदन किया गया । 15 नवंबर 2021 को नाम भी जोड़ दिया गया ।

वही इस केस की शिकायत पूर्व में राज्यपाल से भी करि गई थी । कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करि गई है ।

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